बुर्का बैन करने की बात पर कट्टरपंथी खफा क्यों? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas
मुस्लिम संगठन बुर्का बैन के खिलाफ है. स्विट्जरलैंड के सेंट्रल काउंसिल ऑफ मुस्लिम का बयान है कि मुस्लिमों को अलग-थलग करने की कोशिश हो रही है. मुस्लिम काउंसिल जनमत संग्रह को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है.
नई दिल्ली:
मुस्लिम संगठन बुर्का बैन के खिलाफ है. स्विट्जरलैंड के सेंट्रल काउंसिल ऑफ मुस्लिम का बयान है कि मुस्लिमों को अलग-थलग करने की कोशिश हो रही है. मुस्लिम काउंसिल जनमत संग्रह को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है. स्विट्जरलैंड के फेडरेशन ऑफ इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन का बयान है कि ड्रेस कोड से जुड़े नियम महिलाओं पर बंदिश जैसे कदम है. भारत में मुस्लिम महिलाओं को मिलेगी बुर्के से आज़ादी? कहां बुर्के के खिलाफ आया जनादेश? यूरोप के एक और देश में 'बुर्का'बंदी, अब किस फैसले पर भड़के कट्टरपंथी संगठन? कैसे बुर्के की आड़ में निकला आतंक? पब्लिक प्लेस पर बुर्के की 'नो एंट्री' क्यों ज़रूरी? बुर्का बैन करने की बात पर कट्टरपंथी खफा क्यों? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- विरोध इसलिए हो रहा है कि गैरइस्लामिक चीज का पकड़े जानाः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- बुर्के का इस्लाम से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं हैः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- कुरान के मुताबिक औरतों के बालों और सीने को ढांकने की बात कही गई हैः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- जब तक ये अरब तक थे तब तक बुर्का नहीं था लेकिन जैसे-जैसे मामला बढ़ता गया वैसे-वैसे बुर्के का प्रचलन भी बढ़ाः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- ये सिर्फ कई बीवियों को रखने के लिए और कोई इन्हें देख ना सके इसलिए ये प्रथा अपनाई गईः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- आज के दो-तीन साल पहले बुर्के में कुछ औरतें कह रहीं थी कि तारेक फतह को बैन करोः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- इन बुर्के धारियों में कौन था ये कोई नहीं जानता इनमें मर्द भी रहे होंगेः तारेक फतेह, लेखक और पत्रकार, कनाडा
- आपका ये अजंस्न कि महिलाओं और बच्चियों पर बुर्का थोपा गया हो ये बिलकुल ही गलत हैः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- कई जगहों पर ऐसा हो सकता है कि किसी महिला पर बुर्का थोपा गया हो लेकिन हर जगह थोपा गया हो ये गलत हैः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- आप किसी महिला पर ये च्वाइस नहीं ठोंक सकते हैं कि तुझे बुर्का पहनना ही होगा या फिर तुझे बुर्का नहीं पहनना होगाः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- बिलकुल चांद पर जाने वाले महिलाएं बुर्का पहनकर नहीं जाएंगीः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- कोरोना काल में मास्क भी बुर्के की तरह उपयोग किया गया, क्या आप मास्क बैन करेंगेः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- मेरी 90 साल की नानी भी बुर्का पहनती हैं क्या उन्हें भी कोई जबरदस्ती बुर्का पहनाता हैः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- क्या मैं अपनी नानी को कहूं कि तू इस बुर्के में टेरिरिस्ट लग रही हैः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- आप कहते हैं कि जो भी बुर्का पहनता है उसपर बुर्का थोपा गया है आपने कोई सर्वे किया है क्याः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- जो अधिकार मेरे पास है कि मैं बुर्का ना पहनू वो मेरी नानी के पास भी होना चाहिएः इफरा जान, इस्लामिक स्कॉलर
- जो स्वतंत्रता वो खुद लेकर बैठी हैं उन्हें ये सोचना चाहिए कि उन महिलाओं को भी हक मिले जिन पर ये थोपा गया हैः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
- आपकी 90 साल की नानी कभी स्कूल या कॉलेज नहीं गयी थींः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
- आपकी नानी को कभी अपनी सोच पर जीने का मौका नहीं मिला हैः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
- आप यहां पर बैठकर बड़ी-बड़ी बातें करेंगी कि बुर्का थोपा नहीं जाता हैः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देशक
- आपकी पॉलिटिकल आइडियोलॉजी को आपकी ये बातें सूट करती हैं इसलिए आप ऐसा बोल रहीं हैंः अंबर जैदी, फिल्म निर्माता और निर्देश
- मैं तो इतनी सी बात बोलूंगी कि 21वीं सदी के जमाने में बुर्के का कोई उपयोग नहीं होना चाहिएः रिदम श्रीवास्तव, दिल्ली, दर्शक
- हम इंटरनेशनल वूमेन डे मना रहे हैं कई देशों में तो ये बैन भी हो चुका हैः रिदम श्रीवास्तव, दिल्ली, दर्शक
- कनाडा से पहले श्रीलंका में भी बुर्का बैन होने की बात हुई थी जब श्रीलंका में ब्लास्ट हुआ था तो भी आतंकी बुर्के में ही आए थेः रिदम श्रीवास्तव, दिल्ली, दर्शक
- अगर मुस्लिम लड़कियां बुर्का पहनती हैं तो किसी को क्यों आपत्ति हैः वाणी यासमीन, राजनीतिक विश्लेषक
- किसी को क्या पहनना है उसे क्या पसंद है ये उसकी मर्जी है तो फिर किसी को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिएः वाणी यासमीन, राजनीतिक विश्लेषक
- सबसे पहली बात तो मैं ये बोलना चाहती हूं कि अधिकार की बात बार-बार बुर्के के ऊपर क्यों आ रही हैः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- मैं किसी बिकनी पहनने वाली महिला के बारे में नहीं कह रही हूं और न ही किसी सलवार समीज और सर पर दुपट्टा रखे हुए महिला की बात कर रही हूं ये उनकी
- मर्जी पर निर्भर करता है कि वो क्या पहनेः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- हम महिला दिवस पर आज बैठे हैं जैसे एक महिला बिकनी पहन कर बैठी हो या फिर आप हिजाब पहनकर बैठी हों ये आपकी मर्जी पर डिपेंड करता हैः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- अगर आपके घर पर डोरबेल बजाए वो बुर्के में हो तो क्या आप कभी उसे घर में घुसने देंगेः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- अगर आप बुर्के के विरोध को गलत नहीं मानते हैं तो फिर आप देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की बात करते हैंः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- क्योंकि इन लोगों को लिए मुसलमान एक नंबर हैं ये इस्लामिक स्टेट बनाने के लिए नये नए तरीकों से लोगों के दिमाग को शट करते हैंः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- इफरा आपकी नब्बे साल की नानी जब पासपोर्ट के लिए फोटो खिंचवाने जाती हैं तो क्या वो बुर्का नहीं हटाती हैंः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- अगर बुर्का बैन भारत में भी होगा तो आपको भी ये बात माननी पड़ेगीः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- इफरा जी आप एक सोशल एक्टीविस्ट है और एक पढ़ी लिखी महिला हैं कुछ बोलने से पहले आप सोचिए आपको कितने लोग फॉलो करते हैंः सुबुही खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- आज तो मुझे बड़ी लोकप्रिय पंक्तियां याद आ रही हैं कि पर्दे में रहने दो पर्दा ना उठाओ... पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा... : माजिद हैदरी, राजनीतिक विश्लेषक
- हमारे भारतवर्ष में सभी भारतवासी घूंघट का आदर करते हैं और साड़ी का आदर करते हैंः माजिद हैदरी, राजनीतिक विश्लेषक
- वैसे ही इस्लाम में बुर्के का आदर करते हैंः माजिद हैदरी, राजनीतिक विश्लेषक
- ये भाजपा वालों ने भगवा मुसलमान का एक नया धर्म तैयार कर दिया हैः माजिद हैदरी, राजनीतिक विश्लेषक
- ये जो सारे अधिकारों की बात चिल्ला-चिल्ला कर बता रहे हैं सबको, मैं बताऊं कि अधिकार तो मुस्लिम पुरुषों को भी नहीं था तीन तलाक देने काः शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- ये लोग डरते हैं कि कहीं मुस्लिम महिला देश की मुख्यधारा में ना जुड़ जाएः शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- इन्होंने सिर्फ महिला को बच्चे पैदा करने की मशीन समझाः शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- अगर आपकी बहन बेटी खूबसूरत है तो उसे बुर्के में छुपाना नहीं बल्कि गौरवान्वित होना चाहिएः शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता
- ये जो हैदरी साहब हंस रहे थे उन्हें भी बुर्का बैन पर हायतौबा नहीं मचाना चाहिएः उमेश भारद्वाज, गाजियाबाद, दर्शक
- आज बुर्के की वजह से मानव सभ्यता खतरे में जा रही हैः उमेश भारद्वाज, गाजियाबाद, दर्शक
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