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आखिर सभी सरकारें क्यों चाहती हैं कि कर्मचारी जल्दी रिटायर हो जाए, जानिए इसके पीछे की असली वजह

1962 में सेवानिवृत्ति की उम्र की सीमा 55 से बढ़ाकर 58 की गई थी. वहीं सन 1998 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने उम्र की सीमा को बढ़ाकर 60 कर दिया गया था.

Updated on: 29 Feb 2020, 01:59 PM

नई दिल्ली:

पंजाब सरकार (Punjab Government) ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों की उम्र की सीमा को 60 से घटाकर 58 कर दिया है. वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सरकार ने सेवानिवृत्ति (Retirement) की उम्र को 2 साल बढ़ा दिया है. अब छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारी 62 वर्ष में रिटायर होंगे. बता दें कि 1962 में सेवानिवृत्ति की उम्र की सीमा 55 से बढ़ाकर 58 की गई थी. वहीं सन 1998 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने उम्र की सीमा को बढ़ाकर 60 कर दिया था.

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2013 में रिटायरमेंट की उम्र 62 करने पर हुआ था विचार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2013 में तत्काली यूपीए (UPA) सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र सीमा को बढ़ाकर 62 करने को लेकर विचार किया गया था. हालांकि उस समय की सरकार इसे लागू करने में नाकाम रही. जानकारों का कहना है कि रिटायरमेंट की उम्र की सीमा को बढ़ाने पर सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में पुरानी पेंशन प्रणाली को खत्म कर दिया गया. वहीं उसकी जगह नई पेंशन सिस्टम (NPS) को कर्मचारियों के लिए लागू किया गया. मतलब यह हुआ कि 2004 के बाद जो भी कर्मचारी नौकरी में आ रहे हैं उन्हें NPS का लाभ मिल रहा है.

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EPFO के फैसले से 6.3 लाख पेंशनभोगियों का फायदा

EPFO ने पेंशन से जुड़े एक नियम में बड़ी छूट देने का निर्णय लिया है. ईपीएफओ के इस फैसले के बाद 6.3 लाख पेंशनभोगियों को बड़ा फायदा होने जा रहा है. श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन कोष से आंशिक निकासी की सुविधा (कम्युटेशन) बहाल करने के निर्णय को लागू कर दिया है.