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ज्ञानवापी और कृष्ण जन्मभूमि पर संघ परिवार संग भाजपा ने क्यों चुप्पी साधी? 

विश्व हिंदू परिषद काशी और मथुरा पर अपनी रणनीति के तहत चुप है. तो वहीं बीजेपी अपनी राजनीति के हिसाब से चुप है. काशी और मथुरा के मुद्दे पर बीजेपी संघ के फैसले के इंतजार में है.

Updated on: 02 Jun 2022, 11:41 PM

नई दिल्ली:

विश्व हिंदू परिषद काशी और मथुरा पर अपनी रणनीति के तहत चुप है. तो वहीं बीजेपी अपनी राजनीति के हिसाब से चुप है. काशी और मथुरा के मुद्दे पर बीजेपी संघ के फैसले के इंतजार  में है. विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पूर्ण होने तक चुप रहने की रणनीति अपनाई है. विश्व हिंदू परिषद का साफ मानना है कि जब तक मंदिर का काम पूरा नहीं हो जाता, गर्भ गृह में रामलला विराजमान नहीं हो जाते, भगवा धर्म ध्वज जन्मभूमि पर लहरा नहीं जाता तब तक काशी और मथुरा के मुद्दे को लेकर कोई आंदोलन नहीं करेंगे.

विश्व हिंदू परिषद को इस बात का डर है कि राम मंदिर निर्माण के बीच में अगर दूसरे आंदोलन को शुरू करते हैं तो हो सकता है कि मंदिर निर्माण में कोई परेशानी खड़ी हो जाए और मंदिर निर्माण अपने समय पर ना हो सके. विश्व हिंदू परिषद का ये भी कहना है कि हिंदू समाज पहले खुद आंदोलन खड़ा करें. यानी विश्व हिंदू परिषद हिंदू समाज के पहल के इंतजार मैं है.

काशी और मथुरा को लेकर पहले हिंदू समाज न्यायालय से सड़क तक अपनी ताकत दिखाएं फिर संघ परिवार उसको आगे बढ़ाएगा. काशी और मथुरा के मुद्दे पर भाजपा कुछ भी बोलने से बचती है और विश्व हिंदू परिषद के पाले में गेंद फेंक देती है. बीजेपी का साफ कहना है कि राम मंदिर को लेकर पार्टी के पालमपुर अधिवेशन में प्रस्ताव पारित हुआ था और पार्टी ने एजेंडे के तौर पर उसको स्वीकार किया था इसलिए देशभर में आंदोलन चलाया. 

मथुरा और काशी के मुद्दे पर बीजेपी का साफ कहना है कि इस पर वह कोर्ट के फैसले का ही इंतजार करेगी. लेकिन बीजेपी के नेता यह भी कहते हैं काशी और मथुरा के समर्थन में वह लोग हमेशा खड़े थे और आगे भी रहेंगे. बीजेपी का साफ कहना है कि काशी और मथुरा पर पार्टी का कोई प्रस्ताव नहीं है इसलिए उनका अभी तक एजेंडा नहीं है.