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दिल्ली में यमुना में गंदगी
यमुना की सफाई पर दिशानिर्देशों का पालन करने में हो रही देरी पर केजरीवाल सरकार और दिल्ली जल बोर्ड को एनजीटी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एनजीटी ने पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच ने दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों से कहा सिवाय दूसरों पर आरोप लगाने के इनके पास दिखाने के लिये कोई ऐसा कारण नहीं है जिससे इऩकी अपनी नाकामियों और असहयोग के कारणों के बताया जा सके।
बेंच ने पूछा है कि यमुना की सफाई के लिये जल बोर्ड और राज्य सरकार को दी गई धनराशि एनजीटी के आदेशों का पालन न करने के आरोप में क्यों न जब्त कर ली जाए।
क्लीन यमुना के तहत फेज़-1 में नज़फगढ़ और दिल्ली गेट के नालों में प्रदूषण को कम करने के लिये काम किया जाना था। एनजीटी ने कहा कि ये अफसोस की बात है कि अभी तक माना नहीं गया। जबकि 13 जनवरी, 2015 को इस संबंध में आदेश दिया गया था।
करीब एक घंटे चली इस बैठक में दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ केशव चंद्र ने कहा कि फेज़-1 का काम रोक दिया गया था क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई थी। उनके खिलाफ फंड की अनियमितताओं का आरोप है।
इस पर एनजीटी ने कहा कि काम रोकने की बजाय उन्हें एनजीटी से संपर्क करना चाहिये था।
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एनजीटी ने निर्देश दिया है कि दिल्ली जल बोर्ड इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट अगले 10 दिनों में दे।
डीडीए के वकील ने कहा कि फंड रोका नहीं गया था बल्कि दिल्ली जल बोर्ड को जब भी ज़रूरत हुई उसे फंड मुहैया कराया गया है। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी और दिल्ली जल बोर्ड के वाइस चेयरमैन उदय प्रताप भी मौजूद थे।
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Source : News Nation Bureau