भड़काऊ भाषण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब, कहा- योगी आदित्यनाथ पर क्यों न चले मुकदमा

सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्‍यनाथ से को यह बताने को कहा है कि उनके ऊपर मुकदमा क्‍यों न चलाया जाए? चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने यूपी सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्‍यनाथ से को यह बताने को कहा है कि उनके ऊपर मुकदमा क्‍यों न चलाया जाए? चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने यूपी सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है।

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Deepak Kumar
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भड़काऊ भाषण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जवाब, कहा- योगी आदित्यनाथ पर क्यों न चले मुकदमा

SC ने पूछा, योगी आदित्यनाथ पर क्यों न चले मुकदमा (फाइल फोटो)

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वरा साल 2007 में दिए गए भड़काऊ भाषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (20 अगस्त) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्‍यनाथ से को यह बताने को कहा है कि उनके ऊपर मुकदमा क्‍यों न चलाया जाए? चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने यूपी सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय दिया है।

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क्या है मामला

बता दें कि 27 जनवरी 2007 को योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में पहले तो दो पक्षों में विवाद हुआ और बाद में विवाद ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। पूरे इलाक़ें में दंगे जैसे हालात हो गए थे। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए। आरोप है कि तत्कालीन सांसद व मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, तत्कालीन विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी के भड़काऊ भाषण के बाद ही दंगा भड़का।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में सीएम योगी आदित्‍यनाथ समेत सात लोगों को सबूत नहीं मिलने के आभाव में बरी कर दिया था। वहीं याचिकाकर्ता का आरोप है कि उनके पक्ष को सुने बिना ही मामला खारिज कर दिया गया।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में कहा था कि, 'हमारे पास योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गई स्पीच के वीडियो हैं और भी अन्य सारे जरूरी दस्तावेज मौजूद हैं, जिनके आधार पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा सकती है।'

Source : News Nation Bureau

Yogi Adityanath Supreme Court Supreme Court notice controversial speech
      
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