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Bipin Rawat
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाने की घोषणा की। लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत सेवानिवृत्त हो रहे दलबीर सिंह सुहाग की जगह लेंगे। वहीं एयर मार्शल बी. एस धनोआ नए वायु सेना प्रमुख नियुक्त किया गया। लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहें हैं।
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लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत के नये आर्मी चीफ की नियुक्ति की घोषणा के बाद से विपक्षी पार्टियों में विरोध के सुर तेज हो गये हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सरकार से इस बात का जवाब मांगा है। कांग्रेस नेता ने कहा, 'लेफ्टिनेंट जनरल रावत की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन सरकार को इसका जवाब देना होगा कि आर्मी चीफ की नियुक्ति में 3 सीनियर अफसरों की जगह उन्हें क्यों तवज्जो दी गई।'
No doubt on Lt Gen Rawat's ability,but Govt must answer why 3 seniors were superseded in appointing next Army chief: Manish Tewari,Congress pic.twitter.com/fotAebz7Cy
— ANI (@ANI_news) December 18, 2016
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि नए आर्मी चीफ बिपिन रावत को वरिष्ठता के आधार पर नहीं चुना गया है। आम तौर पर आर्मी चीफ की नियुक्ति के लिए सरकार वरिष्ठता को आधार मानती है। बिपिन रावत से ज्यादा वरिष्ठ दो अधिकारी भी आर्मी चीफ बनने की दौड़ में थे। इसके पहले भी वरिष्ठता के अनुसार 1983 में लेफ्टिनेंट जनरल एक के सिन्हा की जगह ए एस वैद्य का चुनाव किया गया था।
वरिष्ठता के क्रम पर तीसरे नंबर पर आते हैं बिपिन रावत
सेना प्रमुख के पद पर सबसे वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की परंपरा रही है लेकिन वरिष्ठता के क्रम में तीसरे नंबर पर आने वाले सेनाधिकारी बिपिन रावत को सरकार ने आर्मी चीफ चुना। पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा तेज थी कि पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी, दक्षिणी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी.एम. हरीज जनरल दलबीर सिंह की जगह ले सकते हैं।
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दोनों अधिकारियों से वरिष्ठ है बिपिन रावत के अनुभव
सीनियर डिफेंस मिनिस्ट्री के एक सूत्र के अनुसार, 'मेरिट और उपयुक्तता को ध्यान में रखकर नये आर्मी चीफ (ले.जनरल रावत) का चुनाव किया गया है'। उन्होंने आगे कहा, 'रावत के पास कश्मीर में एलओसी और नॉर्थ ईस्ट में चीन से सटी सीमा पर व काउंटर इंमर्जेंसी ऑपरेशन को अंजाम देने का 3 दशकों से ज्यादा का अनुभव है। जो कि मौजूदा स्थिति के अनुसार पर्याप्त अनुभव प्राप्त है।'
He was found the best suited among the Lt. Generals, to deal with emerging challenges: MoD Sources on next Army Chief Lt Gen Rawat
— ANI (@ANI_news) December 18, 2016
Lt. Gen Rawat has tremendous hands on experience of serving in combat areas,and at various functional levels over last 3 decades:MoD Sources
— ANI (@ANI_news) December 18, 2016
सूत्र के अनुसार 'लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हारिज के पास ऑपरेशनल एरिया का अनुभव नहीं है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी की ज्यादातर पोस्टिंग राजस्थान में रही है। जम्मू कश्मीर में उनकी दो बार पोस्टिंग की गई। इस दौरान एक बार डोडा के करनल और बाद में नॉर्दर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टॉफ के लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर'।
बिपिन रावत से वरिष्ठ हैं ये दो अधिकारी
वर्तमान आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग के बाद पूर्वी आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी सबसे ज्यादा सीनियर सेनाधिकारी हैं। वरिष्ठता के मामले में उनके बाद दक्षिणी थल सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हारिज आते हैं। फिर इसके बाद बिपिन रावत का नंबर आता है।
प्रवीण बक्शी कोलकाता हेडक्वार्टर इस्टर्न कमांड को हेड करते हैं, जो आर्म़ड क्रॉप है। आर्म़ड क्रॉप की तरफ से जनरल शंकर रॉय(1994-97) आखिरी बार सेना प्रमुख की कुर्सी पर बैठे थे। लेफ्टिनेंट जनरल हरीज पुणे हेडक्वार्टर साउदर्न कामंड की जिम्मेदारी संभालते हैं।
Source : News Nation Bureau