केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक ने आज सवर्णों में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के लिए फैसला लिया है. इसी के साथ यह सवाल उठने लगा है कि आखिर यह आरक्षण कब लागू होगा या फिर लागू हो भी पाएगा या नहीं. क्या यह केवल चुनावी स्टंट तो होकर नहीं रह जाएगा. खैर फैसला कब घोषणा से धरातल पर पहुंचता है यह बाद की बात है. अभी तो सभी के मन में यह सवाल है कि किसे इस आरक्षण का लाभ मिलेगा. सूत्रों के मुताबिक सरकार द्वारा लाए जाने वाले बिल के मुताबिक 10 फीसदी आरक्षण के पात्र वही लोग होंगे जिनको पहले किसी भी श्रेणी में आरक्षण नहीं मिल रहा है और इकोनॉमिकली बैकवर्ड है. इस फैसले के बाद कल संविधान में संशोधन के लेकर बिल ला सकती है सरकार, जिसमें इकानामिकली बैकवर्ड श्रेणी भी जोड़ने का प्रावधान है.
भारत सरकार के अनुसार ईडब्लूएस की कैटेगरी में जो लोग आते हैं उन्हें आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता है. EWS Category की परिभाषा के अनुसार
1. जिसे व्यक्ति की वार्षिक आय 8 लाख रुपये है वह आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आएगा.
2. जिस व्यक्ति के पास 5 एकड़ भूमि से कम कृषि योग्य भूमि है वह आर्थिक रूप से पिछले वर्ग में आता है.
3. जिस व्यक्ति के पास रहने के लिए 1000 वर्ग फीट से कम रहने का घर है वह इस आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आता है.
4. जिस व्यक्ति के पास स्थानीय निकाय के नोटिफाइड इलाके में 100 वर्ग गज से कम का निवासी प्लाट है वह इस वर्ग में आता है.
5. इसके अलावा 200 वर्ग गज की भूमि से कम गैर-नोटिफाइड इलाके में है तो वह भी आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आता है.
Source : News Nation Bureau