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बेटियों की शिक्षा के लिए कौन चाहता है 'तालिबानी रूल'? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas

जमीयत की 'तालिबानी' सोच है. मौलाना मदनी ने कहा कि लड़कियों के लिए अलग स्कूल-कॉलेज खोले जाएं. बेटियों को लड़कों के साथ पढ़ने से रोकें. गैर-मुस्लिम स्कूलों में भी सह-शिक्षा बंद हो.

Updated on: 31 Aug 2021, 09:17 PM

नई दिल्ली:

जमीयत की 'तालिबानी' सोच है. मौलाना मदनी ने कहा कि लड़कियों के लिए अलग स्कूल-कॉलेज खोले जाएं. बेटियों को लड़कों के साथ पढ़ने से रोकें. गैर-मुस्लिम स्कूलों में भी सह-शिक्षा बंद हो. गैर-मुस्लिम भी बेटियों को सह-शिक्षा देने से परहेज करें. अनैतिकता से बचने के लिए सह-शिक्षा से परहेज करें. मौलाना के बोल पर बिफरे मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश संविधान से चलता है शरियत से नहीं. 'संविधान की मूल भावना पर हमले की कोशिश हो रही है. लड़कियां कहां पढ़ेंगी ये लोग नहीं तय कर सकते हैं. ये लोग बेटियों की शिक्षा के खिलाफ हैं. बेटियों की शिक्षा के लिए कौन चाहता है 'तालिबानी रूल'? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.

  • हम सबको बच्चों की तालीम पर जोर देना चाहिए : शाजिया इल्मी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, BJP
  • अगर आपकी नियत होगी तो आपको हर चीज बुरी नजर आएगी : शाजिया इल्मी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, BJP
  • इधर-उधर की बातों के बजाए बच्चियों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए : शाजिया इल्मी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, BJP
  • को-एजुकेशन पर सवाल उठाना सही नहीं : शाजिया इल्मी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, BJP
  • शिक्षा पर बंदिशें लगाने की बात न हो : शाजिया इल्मी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, BJP
  • हमें हीरा-सोना-चांदी कहकर तिजौरी में क्यों रखा जाए : शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता  
  • सबकी लड़कियां देश का नाम रोशन करती हैं : शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता  
  • जो देश को कमजोर कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो : शबनम खान, सामाजिक कार्यकर्ता  
  • अगर देश में ऐसी बात आ रही है तो हमें जेंडर एजुकेशन की बात करनी चाहिए : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • संविधान लड़के-लड़कियों को पढ़ने लिखने की इजाजत देता है : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • गलत मानसिकता को बढ़ावा ना दें : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • लड़कियों की शिक्षित होना जरूरी है : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • कुरान में सबसे ज्यादा बात महिलाओं के अधिकार की है, लेकिन आप महिला के अधिकार के बारे में नहीं बोलते हैं : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • आर्टिकल 25 आपको मजबह को पालन करने का अधिकार देता है, लेकिन तबतक जबतक किसी दूसरे के अधिकार का हनन न हो : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • आप महिलाओं को हीरा, सोना-चांदी कहकर घर में कैद कर रखते हैं : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
  • मैं मौलाना अरशद मदनी के बयान से सहमत हूं : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • लड़कियों को पढ़ने से मना नहीं किया है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • अगर तालिबान अच्छी शिक्षा देता है तो उसे हमें मानना चाहिए : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • मैं मुसलमान हूं, मैं कुरान और शरीयत को मानता हूं : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • इस्लाम में पहला लब्ज तालीम ही है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • हर मर्द-औरत को तालीम हासिल करने का हक है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • कुरान में पहला लब्ज तालीम के लिए होती है : असगर खान, राजनीतिक विश्लेषक
  • जिन लड़कियों ने पढ़ाई की हैं, उसकी पढ़ाई जाया हो जाएगी : जुहाल नूरी, अफगान शरणार्थी
  • अफगानिस्तान में ऐसे कई घर हैं, जहां सिर्फ महिलाएं हैं, लेकिन एक भी मर्द नहीं है : जुहाल नूरी, अफगान शरणार्थी
  • ज्यादातर अफगानी महिलाओं के पास मर्द नहीं है : जुहाल नूरी, अफगान शरणार्थी
  • हर एक मर्द के मुकाबले दो औरतें वाली बात एकदम गलत है : जुहाल नूरी, अफगान शरणार्थी
  • मर्द के साथ कंधा से कंधा मिलाकर औरतें युद्ध लड़ी हैं : जुहाल नूरी, अफगान शरणार्थी
  • हमारा मतलब है कि जो आज बदमाशी हो रही है, इसलिए लड़के-लड़की अलग-अलग पढ़ें : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • जो चीज जितनी कीमती होती है उसकी उतनी इफाजत की जाती है : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • हम तालिबान को नहीं जानते हैं,हम तो इस्लाम को जानते हैं : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • हम जो भी बात करते हैं वो संविधान के तहत करते हैं : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • हमने संविधान के तहत बात की है : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • मुसलमान को हिंदुओं को सम्मान देता है : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • हम इस्लाम को मानते हैं, इस्लाम जो कहेगा उसे हम मानेंगे : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • तालिबान को नहीं, इस्लाम को जानते हैं : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • बराबरी पर हमने सवाल नहीं उठाया : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • हमारे लिए सबसे ऊपर इस्लाम है : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • आर्टिकल 25 और 30 के तहत मुसलमान अपने कुरान को माने और उसके अनुसार चले : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • कुरान कहता है कि एक मर्द के मुकाबले दो औरत : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • जिसका मन चाहे वह इस्लाम पर अमल करे : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • जो इस्लाम को ना माने, मुसलमान नहीं : गुलजार आजमी, महासचिव, जमीयत उलेमा
  • चुनाव से पहले ऐसी सोच लोगों के सामने आती है : रोशनी जायसवाल, वाराणसी, दर्शक
  • महिलाओं को शिक्षा का पूरा मौका मिलना चाहिए : नव्या वाधवा, दिल्ली, दर्शक
  • पूरी दुनिया में पुरुष और महिला कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रहे हैं : सुधांशु दीक्षित, मुंबई, दर्शक