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कोरोना: भारत में मिला स्ट्रेन कहलाएगा 'डेल्टा', WHO ने कोविड वैरिएंट्स को दिए नाम

विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में अक्टूबर 2020 में मिले वैरिएंट B.1.617.2 को डेल्टा वैरिएंट (Delta) कहा गया है. इसके अलावा एक अन्य स्ट्रेन B.1.617.1 का नामकरण 'कप्पा' (Kappa) किया गया है.  

Updated on: 01 Jun 2021, 07:03 AM

highlights

  • भारत में मिले वैरिएंट का नाम डेल्टा वैरिएंट रखा गया
  • पिछले महीने ही वैरिएंट के नाम को लेकर हुआ था विवाद

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस के लिए अलग-अलग देशों में मिले वैरिएंट को लेकर विवाद सामने आते रहे हैं. कई बार इन वैरिएंट को उन देशों को नाम पर बुलाया जाने लगा. कोरोना वैरिएंट के अस्तित्व को लेकर विवाद के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना यानी SARS-CoV-2 के मुख्य वैरिएंट के नामों को पुकारने और याद रखने के लिहाज से आसान नामकरण किया है. कोरोना के लिए जिम्मेदार वायरस का नामकरण ग्रीक अल्फाबेट का इस्तेमाल करते हुए किया गया है. पिछले दिनों भारत ने भी यहां मिले वैरिएंट के नाम को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. ऐस ही बीते साल चीन ने भी कोरोना को 'वुहान वायरस' कहने पर आपत्ति जाहिर की थी.  

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले भी भारत में मिले वैरिएंट के नाम को लेकर स्थिति स्पष्ट की थी. अब इस विवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए लंबी चर्चा के बाद WHO ने इसके लिए विश्वभर के एक्सपर्ट ग्रुप को ऐसा करने के लिए कहा था. इसमें वो लोग भी मौजूद थे जो नेमिंग सिस्टम के एक्सपर्ट हैं, साथ ही नॉमनक्लेचर, वायरस टॉक्सोनॉमिक एक्सपर्ट, रिसर्चर्स और राष्ट्रीय प्राधिकरण भी  इसमें शामिल हैं. 

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वैरिएंट को दिए कप्पा और डेल्टा नाम
 भारत में अक्टूबर 2020 में मिले कोरोना वैरिएंट B.1.617.2  G/452R.V3 का नाम डेल्टा वैरिएंट रखा गया है. जबकि भारत में ही मिले वायरस के दूसरे स्ट्रेन (B.1.617.1) का नाम 'कप्पा' रखा गया है. भारत की तरह अन्य देशों में मिले वैरिएंट का नामकरण किया गया है. ब्रिटेन में 2020 में मिले वैरिएंट को 'अल्फा' कहा गया है. दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट को 'बीटा' कहा जाएगा. वहीं ब्राजील में मिले वैरिएंट का नामकरण 'गामा' किया गया है. इसी तरह अमेरिका में मिले वैरिएंट का भी नाम रखा गया है. यूएस में मिले स्ट्रेन का नाम 'एप्सिलॉन' और फिलीपींस में इस साल जनवरी में मिले स्ट्रेन का नाम 'थीटा' रखा है.

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भारत में मिले वैरिएंट को लेकर हुआ था विवाद
बता दें मई महीने के पहले पखवाड़े में भारत में मिले कोरोना स्ट्रेन को 'भारतीय' कहने पर विवाद हो गया था. केंद्र सरकार ने उन खबरों को खारिज किया था जिनमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड के B.1.617 वैरिएंट को भारतीय वैरिएंट कहा है. सरकार ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने कभी भी भारतीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है. हाल ही में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वे अपने प्लेटफॉर्म से किसी भी ऐसे कंटेंट को तुरंत हटा दें जिसमें कोरोना वायरस के वैरिएंट को इंडिया के नाम से जोड़कर लिखा गया था.