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लोकसभा चुनाव

Taranjit Singh Sandhu: कौन हैं तरणजीत सिंह संधू जिसे BJP ने अमृतसर से बनाया लोकसभा कैंडिडेट

23 जनवरी, 1963 को शिक्षाविदों के परिवार में जन्मे तरणजीत सिंह संधू ने हिमाचल प्रदेश के सनावर के लॉरेंस स्कूल में पढ़ाई की है.

Updated on: 30 Mar 2024, 11:56 PM

नई दिल्ली:

Taranjit Singh Sandhu: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने कैंडिडेट की 8वीं लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट के मुताबिक पंजाब के गुरुदासपुर के वर्तमान सांसद और फिल्म स्टार सन्नी देओल का टिकट बीजेपी ने काट दिया है. अब इस सीट से उनकी जगह पर पार्टी ने दिनेश सिंह पर भरोसा जताया है. इसके साथ ही बीजेपी ने आठवीं लिस्ट में तीन राज्यों के 11 सीटों के नाम का ऐलान किया गया है. इसके बीजेपी चुनाव समिति ने पूर्व भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू को चुनावी मैदान में उतार दिया है. उन्हें अमृतसर सीट से लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार घोषित किया है. ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि आखिर तरणजीत सिंह कौन है जिसपर बीजेपी ने भरोसा दिखाया है. 

आपको बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू को इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से चुनावी शुरुआत करेंगे. उन्हें शनिवार को पंजाब के अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है. बीजेपी ने 11 और लोकसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की आठवीं सूची की घोषणा की है. जिस लिस्ट के मुताबिक भर्तृहरि महताब, रवनीत सिंह बिट्टू, सुशील कुमार रिंकू और परनीत कौर जैसे कई नेताओं के नाम शामिल हैं जो हाल ही में विभिन्न दलों से  बीजेपी में शामिल हुए हैं.

तरणजीत सिंह संधू की शिक्षा

आपको बता दें कि 23 जनवरी, 1963 को शिक्षाविदों के परिवार में जन्मे तरणजीत सिंह संधू ने हिमाचल प्रदेश के सनावर के लॉरेंस स्कूल में पढ़ाई की है. बाद में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू में इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर डिग्री हासिल की है. इसके पहले वो दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री में ऑनर्स के साथ स्नातक की डिग्री हासिल की है.

1988 में सिविल सेवा परीक्षा पास की

अमेरिका में भारतीय दूतावास की आधिकारिक वेबसाइट के माने तो तरणजीत सिंह संधू ने 1988 में सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश किया. उन्होंने पूर्व में सोवियत संघ (रूस) से अपनी राजनयिक यात्रा शुरू की थी. यहां वो 1990 से 1992 तक भारतीय मिशन में तीसरे सचिव (राजनीतिक) और दूसरे सचिव (वाणिज्यिक) के रूप में काम किया है.