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One Nation One Election( Photo Credit : social media)
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में हाईलेवल कमेटी ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस पर कोई पक्ष में है तो कई विपक्ष में है. सुप्रीम कोर्ट के सभी चार पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और जस्टिस यूयू ललित से परामर्श करने वाले पैनल ने लिखित प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं. इनमें से सभी एकसाथ चुनाव कराने के पक्ष दिखे. वहीं हाईकोर्ट के तीन पूर्व चीफ जस्टिस और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त ने ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार पर आपत्ति व्यक्त की है.
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर कमेटी ने 62 पार्टियों से संपर्क किया गया था. इनमें 47 ने जवाब दाखिल कर दिया है. इसमें से 32 पार्टियों ने एकसाथ चुनाव के समर्थन में हैं. वहीं 15 पार्टियों ने इस पर विरोध व्यक्त किया है. वहीं 15 पार्टियों ने जवाब नहीं दिया.
इन पार्टियों ने किया चुनाव का विरोध
राष्ट्रीय दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने प्रस्ताव का विरोध किया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और नेशनल पीपुल्स पार्टी ने इसका समर्थन किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 15 राजनीतिक दलों को छोड़ 47 राजनीतिक दलों से फीडबैक मिला है. इसमें से 32 राजनीतिक दलों ने एकसाथ चुनाव की व्यवस्था पर समर्थन किया है. वहीं दुर्लभ संसाधनों को बचाने, सामाजिक सद्भाव की रक्षा करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने को लेकर इसे अपनाने की वकालत की.
वहीं AAP, कांग्रेस और CPI(M) ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज किया है. यह लोकतंत्र और संविधान की आधारभूत संरचना को कमजोर करता है. वहीं बसपा से इसका सीधे तौर पर विरोध नहीं किया है. मगर देश की बड़ी क्षेत्रीय सीमा और जनसंख्या के संबंध को लेकर चिंता व्यक्त की है.
जानें कौन-कौन सी पार्टियां ने किया समर्थन
राज्य की पार्टियों में AIUDF, TMC, AIMIM, CPI, DMK, नागा पीपुल्स फ्रंट और समाजवादी पार्टी ने एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव पर विरोध व्यक्त किया है. अपना दल (सोनी लाल), असम गण परिषद, अन्नाद्रमुक, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, बीजू जनता दल, लोक जनशक्ति पार्टी (आर), मिजो नेशनल फ्रंट, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, शिव सेना, जनता दल (यूनाइटेड), सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, शिरोमणि अकाली दल और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने प्रस्ताव का समर्थन किया.
Source : News Nation Bureau