विश्व में डाटा की सबसे ज्यादा खपत और सबसे सस्ता भारत में है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कई युवाओं ने फ्रेंच ओपन को बड़े उत्साह के साथ देखा. इंफोसिस ने टूर्नामेंट के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की. चाहे फ्रांस की कैपजेमिनी हो या भारत की आईटी प्रतिभाएं दुनिया भर में कंपनियों और नागरिकों की सेवा कर रही हैं.
highlights
- विश्व में सबसे ज्यादा सस्ता डाटा भारत में हैं- पीएम मोदी
- 'भारत में 5,23,000 किलोमीटर फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क बिछाया गया'
- पीएम मोदी बोले- कोविड काल में डिजिटल मीडिया ने काफी मदद की
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीवाटेक के 5वें संस्करण (VivaTech 5th Edition) को संबोधित किया है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और डिजिटल सहयोग के उभरते क्षेत्र में भारत और फ्रांस व्यापक विषयों पर मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि इस तरह का सहयोग और बढ़ता रहे. पीएम ने कहा कि कई युवाओं ने फ्रेंच ओपन को बड़े उत्साह के साथ देखा. इंफोसिस ने टूर्नामेंट के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की. चाहे फ्रांस की कैपजेमिनी हो या भारत की टीसीएस या विप्रो, हमारी आईटी प्रतिभाएं दुनिया भर में कंपनियों और नागरिकों की सेवा कर रही हैं.
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प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी को लेकर कहा कि यह वैश्विक महामारी के दौरान देखा गया है. हमारे युग का सबसे बड़ी महामारी है. इससे सभी राष्ट्रों को नुकसान हुआ और उन्होंने भविष्य के बारे में चिंता महसूस की. पीएम मोदी ने कहा कि जहां सम्मेलन विफल हो जाता है, नवाचार मदद कर सकता है. COVID-19 ने हमारे कई पारंपरिक तरीकों का परीक्षण किया. हालांकि यह नवाचार था जो बचाव के लिए आया था. मैं महामारी से पहले और उसके दौरान नवाचार का उल्लेख करता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल के दौरान डिजिटल तकनीक ने हमें डिजिटल मीडिया के माध्यम से सामना करने, कनेक्ट करने, कंफर्ट महसूस करने में और सांत्वना देने में मदद की. इस मुश्किल दौर में भी डिजिटल मीडिया के माध्यम से हम काम कर सकते थे. अपने प्रियजनों के साथ बात कर सकते थे और दूसरों की मदद कर सकते थे. हम 80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन की आपूर्ति कर सकते हैं और कई घरों में खाना पकाने के लिए ईंधन सब्सिडी प्रदान कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत में छात्रों की मदद के लिए त्वरित समय में 2 सार्वजनिक डिजिटल शैक्षिक कार्यक्रम - स्वयं और दीक्षा का संचालन करने में सक्षम थे. भारत की सार्वभौमिक और अद्वितीय बायोमेट्रिक डिजिटल पहचान आधार ने हमें गरीबों को समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद की. पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत में महामारी आई थी, हमारे पास अपर्याप्त परीक्षण क्षमता और मास्क, पीपीई और ऐसे अन्य उपकरणों की कमी थी. हमारे निजी क्षेत्र ने इस कमी को दूर करने में अहम भूमिका निभाई है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे डॉक्टरों ने टेलीमेडिसिन को बड़े पैमाने पर अपनाया ताकि कुछ COVID और गैर-COVID मुद्दों को वर्चुअली संबोधित किया जा सके. आरोग्य सेतु प्रभावी संपर्क-अनुरेखण सक्षम किया गया. हमारे CoWin प्लेटफॉर्म ने पहले ही लाखों लोगों को टीके सुनिश्चित करने में मदद की है. अगर हम इनोवेशन नहीं करते तो कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई बहुत कमजोर होती. हमें इस अभिनव उत्साह को नहीं छोड़ना चाहिए ताकि अगली चुनौती आने पर हम और भी बेहतर तरीके से तैयार हों.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश, दुनिया के सबसे बड़े स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में से एक है. भारत वह प्रदान करता है जो नवप्रवर्तनकर्ताओं और निवेशकों को चाहिए. मैं दुनिया को पांच स्तंभों प्रतिभा, बाजार, पूंजी, पारिस्थितिकी तंत्र और खुलेपन की संस्कृति के आधार पर भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं. भारत के युवाओं ने दुनिया की कुछ सबसे गंभीर समस्याओं का तकनीकी समाधान दिया है. आज भारत में 1.18 बिलियन मोबाइल फोन और 775 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में डेटा की खपत विश्व स्तर पर सबसे अधिक और सबसे सस्ती है. भारतीय सोशल मीडिया के सबसे बड़े उपयोगकर्ता हैं. एक विविध और व्यापक बाजार है जो आपकी प्रतीक्षा कर रहा है. उन्होंने कहा कि 5,23,000 किलोमीटर फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क पहले से ही हमारी 1,56,000 ग्राम परिषदों को जोड़ता है. आने वाले समय में और भी बहुत से लोगों को जोड़ा जा रहा है. देश भर में सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क आ रहा है. नवाचार की संस्कृति को पोषित करने के लिए भारत सक्रिय रूप से काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में हमने विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सारे व्यवधान देखे हैं. इसके बजाय हमें अपना ध्यान मरम्मत और तैयारी पर रखना चाहिए. पिछले साल इस बार दुनिया अभी भी वैक्सीन की तलाश में थी. आज हमारे पास काफी कुछ है. हमारा ग्रह आज जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें सामूहिक भावना और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से ही दूर किया जा सकता है. इसके लिए मैं स्टार्ट-अप समुदाय से नेतृत्व करने का आह्वान करता हूं.
पीएम मोदी इस क्षेत्र में युवाओं का दबदबा है. अतीत के बोझ से मुक्त लोग. वे वैश्विक परिवर्तन को शक्ति देने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हैं. हमारे स्टार्ट-अप को स्वास्थ्य देखभाल, अपशिष्ट पुनर्चक्रण सहित पर्यावरण के अनुकूल तकनीक, कृषि, सीखने के नए युग के उपकरण जैसे क्षेत्रों का पता लगाना चाहिए.
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