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खोजखबर( Photo Credit : फाइल फोटो)
न्यूज नेशन पर रात नौ बजे समय होता 'खोज खबर' का, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने कहां छिपे हैं तबलीगी जमात के मुखिया, देश में फैलाया कोरोना का जाल मुद्दे पर चैनल पर आए मेहमानों के साथ चर्चा की. इस बहस में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक सेठ, तबलीगी जमात के वकील तौसिफ खान, इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासिमी, एआईआईए के अध्यक्ष साजिद रशीदी, सामाजिक कार्यकर्ता बिलाल खान और वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने हिस्सा लिया.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अभिषेक सेठ ने कहा कि मौलाना साद को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा 302 का मुकदमा चलाना चाहिए. इसका इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासिमी ने भी समर्थक किया. उन्होंने कहा कि हां, मौलाना साद पर धारा 302 का मुकदमा हो जाना चाहिए. पूरे देश के मुसलमानों को मौलाना साद ने बदनाम करके रख दिया. जब मौलाना साद सही हैं तो उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए.
वरिष्ठ वकील अभिषेक सेठ ने कहा कि मौलाना साद को भीड़ न एकत्रित करने की जानकारी थी, लेकिन उनकी मंशा कोरोना फैलाना था. मुफ्ती वजाहत कासिमी ने कहा कि मौलाना साद ने कोरोना पर सरकार के आदेशों का मजाक उड़ाया है. इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता बिलाल खान ने कहा कि कनिका कपूर कोरोना संक्रमित कैसे हुईं, क्या उन्हें भी जमातियों ने कोरोना दिया था. मौलाना साद कहीं फरार नहीं हैं, वह खुद को क्वारंटीन किए हुए हैं.
इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती वजाहत कासिमी ने आगे कहा कि क्या मैं मुसलमान होने की वजह से मौलाना साद की गलती को छुपा लूं, ऐसा नहीं होगा. इस्लाम यह नहीं कहता है कि कानून का उल्लंघन करो, देश बड़ा है और रहेगा. इस पर साजिद रशीदी ने कहा कि क्या दालूम ये सिखाता है सबके सामने मौलाना को गाली दो. अंत में अवधेश कुमार ने कहा कि तबलीगी जमात के मुखिया के खिलाफ हत्या का मुकदमा होना चाहिए. तबलीगी जमात ऐसे संगठन है, जिसने अपने लोगों को मौत के मुंह में ढकेल दिया है.
Source : News Nation Bureau
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