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पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री को जब सुषमा स्वराज ने लगाई थी लताड़

दो साल पहले कुलभूषण जाधव के मामले में अपने पाकिस्‍तानी समकक्ष सरताज अजीज को Twitter पर जमकर फटकार लगाई थी.

Updated on: 07 Aug 2019, 05:52 PM

नई दिल्‍ली:

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज (Sushma Swaraj) अब पंच तत्‍व में विलीन हो चुकी हैं. उनका मंगलवार रात यहां दिल का दौरा पड़ने से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था. सुषमा स्वराज सोशल मीडिया खासकर ट्विटर (Twitter) पर आई शिकायत को त्वरित स्तर पर दूर करती थीं. लोगों की मदद के लिए हर वक्‍त तैयार रहने वालीं सुषमा स्‍वराज के हृदय में जितनी करुणा थी उससे कहीं ज्‍यादा वह पाकिस्‍तान के लिए सख्‍त भी थीं. दो साल पहले कुलभूषण जाधव के मामले में अपने पाकिस्‍तानी समकक्ष सरताज अजीज को Twitter पर जमकर फटकार लगाई थी. 

दरअसल दो साल पहले कुलभूषण जाधव की मां पाकिस्तान जाकर अपने बेटे से मिलना चाहती थीं, इस संबंध में सुषमा स्वराज ने सरजाज अजीज को वीजा पत्र लिखा था जिस पर सरताज अजीज ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. इसके बाद सुषमा स्वराज ने सरताज अजीज की ओर से शिष्टाचार की कमी दिखाए जाने पर निराशा जाहिर की और एक के बाद एक नौ ट्वीट (Tweet) कर सरताज अजीज को फटकार लगाई थी. 

इसके बावजूद उन्होंने अजीज को आश्वासन दिया कि यदि कोई पाकिस्तानी नागरिक भारत आने के लिये उनकी सिफारिश पर मेडिकल वीजा की मांग करता है तो उसे तुरंत वीजा दिया जायेगा.

I am sure Mr.Sartaj Aziz also has consideration for the nationals of his country. /2

— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 10, 2017

पाकिस्‍तानी सरताज अजीज के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया पर सुषमा स्वराज ने ट्वीट (Tweet) करते हुए कहा, भारत में अपने इलाज के लिये वीजा की मांग करने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों के प्रति मेरी सहानुभूति है. हमारे लिये पाकिस्तानी नागरिकों की मेडिकल वीजा को स्वीकति प्रदान करने से संबद्ध उनकी सिफारिश आवश्यक है.

सुषमा स्वराज ने कहा कि भारतीय नागरिक अवंतिका जाधव का वीजा आवेदन लंबित है, जो पाकिस्तान में अपने बेटे से मिलना चाहती हैं. पाकिस्तान के रवैये से नाराज सुषमा स्वराज ने एक के बाद एक नौ ट्वीट (Tweet) किए.

उन्होंने Tweet किया, पाकिस्तान जाने के लिए उनके (अवंतिका के) वीजा की स्वीकति के लिये मैंने व्यक्तिगत तौर पर श्रीमान सरताज अजीज को पत्र लिखा. लेकिन श्रीमान अजीज ने मेरे पत्र पर संज्ञान लेने तक का शिष्टाचार नहीं दिखाया.

बता दें कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 'जासूसी और आतंकवाद' के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी जिसके बाद उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

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इसके बाद आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव की फांसी की सजा पर रोक बरकरार रखने और उन्हें राजनयिक पहुंच देने का निर्देश दिया था. भारत ने पाकिस्तान से आईसीजे के आदेश पर तत्काल कार्रवाई करने और जाधव को कॉन्सुलर एक्सेस देने के लिए कहा था. इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के आदेश के अनुसार पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को 'पाकिस्तानी कानून के अंतर्गत' राजनयिक पहुंच देने के लिए राजी हो गया. इस जीत पर सुषमा स्वराज ने खुशी जाहिर की थी.

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दिवंगत नेता सुषमा ने ट्वीट (Tweet) किया था, 'जाधव मामले में मैं जी जान से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत करती हूं. यह भारत के लिए एक महान जीत है.' उन्होंने मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी शुक्रिया अदा किया और असरदार तरीके से केस लड़ने के लिए वकील हरीश साल्वे को भी धन्यवाद कहा था.

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अगर सुषमा स्‍वराज के कामों की बात करें तो 26 अक्टूबर 2015 को सुषमा स्वराज के प्रयासों की वजह से ही मूक-बधिर लड़की गीता की एक दशक के बाद पाकिस्तान से स्वदेश वापसी हो सकी. 19 अक्टूबर 2017 दीवाली पर पाकिस्तान की सुमैरा हमद मलिक ने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट (Tweet) कर मदद मांगी थी. सुषमा को ट्वीट (Tweet) किया और इसके महज 24 घंटे के अंदर भारत आने का वीजा मिल गया.