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जितिन प्रसाद ने छोड़ा हाथ तो छलक उठा कांग्रेस का दर्द, अजय कुमार लल्लू बोले- ये विश्वासघात है

बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद जितिन प्रसाद ने कांग्रेस को निशाने पर लिया तो देश के विपक्षी दल ने भी इस पर पलटवार किया है. अजय कुमार लल्लू ने जितिन प्रसाद को विश्वासघाती बताया है.

Updated on: 09 Jun 2021, 02:19 PM

highlights

  • जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वॉइन की
  • पीयूष ने जितिन को पार्टी में शामिल कराया
  • कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे जितिन प्रसाद

नई दिल्ली/लखनऊ:

कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए जितिन प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी में दाखिला ले लिया है. बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद जितिन प्रसाद ने कांग्रेस को निशाने पर लिया तो देश के विपक्षी दल ने भी इस पर पलटवार किया है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जितिन प्रसाद को विश्वासघाती बताया है. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उन्होंने जो किया है, वो अच्छा काम नहीं है. साथ ही उन्होंने जितिन पर हमला बोलते हुए कहा कि जो अपनी जमीन नहीं बचा सका, वह बीजेपी को कैसे फायदा देगा. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में सभी को बढ़ने का मौका मिलता है.

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अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस में वह केंद्रीय मंत्री रहे, सांसद रहे. उन्होंने परिवार के लोग यानी उनके पिता भी कांग्रेस में मंत्री और सांसद रहे. जिसकी पहचान कांग्रेस पार्टी ने बनाई, जिसके संघर्ष, जिसको सांसद और मंत्री कांग्रेस ने बनाया. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा कि जो जितिन प्रसाद जी ने किया है वो कहीं से भी अच्छा काम नहीं माना जा सकता है. जितिन प्रसाद को पिछले समय में कांग्रेस ने जितना सम्मान दिया, जितना मान और मर्यादा दी, उसके बाद भी कांग्रेस के साथ विश्वासघात उन्होंने किया है. सफलता उनसे कोसों दूर रहेगी.

बता दें कि कांग्रेस नेता और मनमोहन सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद ने बुधवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम लिया. जितिन प्रसाद पिछले काफी समय से कांग्रेस में उपेक्षित होने के कारण नेतृत्व से नाराज चल रहे थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है. बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है.

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जितिन प्रसाद ने कहा कि मेरा कांग्रेस पार्टी से 3 पीढ़ियों का साथ रहा है. मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है. आज सवाल ये नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं बल्कि सवाल ये है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं. उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में मैं था वहां अपने ही लोगों के हितों की रक्षा नहीं होती है. अगर आप अपने ही लोगों के हितों की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो ऐसी पार्टी में रहने का औचित्य नहीं. उन्होंने कहा कि मैं किस दल को छोड़कर आ रहा हूं यह महत्वपूर्ण नहीं बल्कि जिस दल में आ रहा हूं वह महत्वपूर्ण है.

जितिन प्रसाद का राजनीतिक परिचय

जितिन प्रसाद एक राजनीतिक परिवार से नाता रखते हैं। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। जितिन प्रसाद ने 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव बनकर करियर शुरू किया था. जितिन ने पहली बार 2004 में अपने गृह क्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की. इसके बाद मनमोहन सरकार में वर्ष 2008 में वह केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री बने. 2009 में परसीमन के कारण सीट बदल गई और जितिन को 15वीं लोकसभा के लिए धौरहरा से चुनाव लड़ना पड़ा. यहां से भी वो जीते और फिर मनमोहन सरकार में मंत्री रहे. यूपीए सरकार में वह सड़क निर्माण एवं राजमार्ग मंत्रालय, मानव संसाधन, इस्पात जैसे मंत्रालयों में मंत्री रहे.