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जब मुंबई के डॉन अरुण गवली ने 'गांधीगिरी' की परीक्षा में किया टॉप

कुल 160 कैदियों ने एक अक्टूबर, 2017 को हुई परीक्षा में स्वैच्छिक रूप से भाग लिया था। इसमें 12 मृत्युदंड का सामना कर रहे, कई उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी शामिल थे, और कई ऐसे भी थे, जिनके मामले की सुनवाई हो रही है।

Updated on: 13 Aug 2018, 10:37 PM

नागपुर:

माफिया डॉन अरुण गवली ने 2017 की गांधी जागरूकता परीक्षा में टॉप किया है। गवली वर्तमान में नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। सहयोग ट्रस्ट के ट्रस्टी रवींद्र भूसरि ने  कहा, 'गवली ने प्रश्नपत्र के 80 में 74 सवालों के सही जवाब दिए। हमें खुशी है कि उसने जेल में गांधीवाद के सिद्धांतों को आत्मसात करने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं।'

कुल 160 कैदियों ने एक अक्टूबर, 2017 को हुई परीक्षा में स्वैच्छिक रूप से भाग लिया था। इसमें 12 मृत्युदंड का सामना कर रहे, कई उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी शामिल थे, और कई ऐसे भी थे, जिनके मामले की सुनवाई हो रही है।

आम तौर पर ये परिणाम 30 जनवरी को घोषित किए जाते हैं। इस साल कुछ जांच के मुद्दों को लेकर परिणाम घोषित करने में सात महीने की देरी हुई है।

भूसरि ने कहा कि संयोग से टॉपर अरुण गुलाब अहीर उर्फ अरुण गवली 2017 की परीक्षा के लिए आवेदक नहीं थे।

उन्होंने कहा, "गवली ने बाकी उम्मीदवारों को बम्बई सर्वोदय मंडल (बीएसएम), मुंबई से बेहतरीन अध्ययन सामग्री और अन्य साहित्य भेजा जाता देखकर परीक्षा में भाग लेने की अपनी इच्छा जाहिर की।"

गवली को 2012 में शिवसेना के एक नेता की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई, जिसे वह वर्तमान में नागपुर सेंट्रल जेल में काट रहा है।