अयोध्‍या विवाद : क्या है रामचबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने का पेंच?

सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील जिलानी दरअसल आज सीधे तौर पर राम चबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने से तो इंकार कर रहे लेकिन हकीकत यह है कि मुस्लिम पक्ष ने डिस्ट्रिक्ट जज के 1986 के उस फैसले को कभी चुनौती नहीं दी, जिसमे जज ने रामचबूतरे को श्रीरामजन्मस्थान मानने की हिंदू पक्ष की आस्था को मान्यता दी थी.

सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील जिलानी दरअसल आज सीधे तौर पर राम चबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने से तो इंकार कर रहे लेकिन हकीकत यह है कि मुस्लिम पक्ष ने डिस्ट्रिक्ट जज के 1986 के उस फैसले को कभी चुनौती नहीं दी, जिसमे जज ने रामचबूतरे को श्रीरामजन्मस्थान मानने की हिंदू पक्ष की आस्था को मान्यता दी थी.

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Sunil Mishra
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अयोध्‍या विवाद : क्या है रामचबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने का पेंच?

क्या है रामचबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने का पेंच?

अयोध्या मामले में आज सुनवाई शुरू होते ही सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से ज़फरयाब गिलानी ने रामचबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने को लेकर स्पष्टीकरण दिया. ज़फरयाब जिलानी ने कहा- सुन्नी वक्फ बोर्ड रामचबूतरे को श्री रामजन्मस्थान नहीं मानता है. हमारा कहना यह है कि हिंदू पक्ष राम चबूतरे को श्रीराम का जन्मस्थान मानता रहा है और इस मामले में डिस्ट्रिक्ट ज़ज की टिप्पणी के खिलाफ हम नही जा रहे. हम सिर्फ ये मानते हैं कि अयोध्या में श्रीराम का कहीं जन्म हुआ होगा.

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फैज़ाबाद डिस्ट्रिक्ट जज के सामने मामला क्या था
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के वकील जिलानी दरअसल आज सीधे तौर पर राम चबूतरे को श्रीराम जन्मस्थान मानने से तो इंकार कर रहे लेकिन हकीकत यह है कि मुस्लिम पक्ष ने डिस्ट्रिक्ट जज के 1986 के उस फैसले को कभी चुनौती नहीं दी, जिसमे जज ने रामचबूतरे को श्रीरामजन्मस्थान मानने की हिंदू पक्ष की आस्था को मान्यता दी थी.

ये फैसला फैजाबाद के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का 18 मई 1986 को आया था. तब महंत रघुबर दास ने विवादित ज़मीन पर श्री राममंदिर के निर्माण को लेकर अर्जी दायर की थी. रघुबर दास ने फैजाबाद सब जज के 24 दिसंबर 1885 के फैसले को चुनौती दी थी.

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फैज़ाबाद जिला जज ने फैसले में क्या कहा
जिला जज खुद विवादित जगह पर गए और उसके बाद उन्होंने फैसला दिया. 18 मई 1986 को दिये अपने फैसले में डिस्ट्रिक्ट जज ने कहा था कि अपने आप में यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंदुओं के लिए इतनी पवित्र जगह पर बाबरी मस्जिद बनाई गईण, लेकिन ये 356 साल पुरानी बात हो चुकी है. अब उस नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है. ज़्यादा से ज़्यादा अब यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया जा सकता है. इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि रामचबूतरे को हिंदू श्रीराम का जन्मस्थान मानते आए हैं और एक रेलिंग रामचबूतरे को मस्जिद से अलग करती है.

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मुस्लिम पक्ष ने फैसले को कभी चुनौती नहीं दी
मुस्लिमों ने 1986 के फैज़ाबाद जिला जज के फैसले में रामचबूतरे को श्रीराम का जन्मस्थान मानने की टिप्पणी को कभी किसी अदालत में चुनौती नहीं दी और उसके बाद से ( 1986 से) रामचबूतरे पर हिन्दुओं का कब्जा रहा है.

Source : अरविंद सिंह

Ayodhya Case Supreme Court ram-mandir
      
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