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गणतंत्र दिवस पर मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई है. दिल्ली में किसान और पुलिस के बीच झड़प हो गई है. प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले में कूचकर अपना झंडा फहरा दिया. स्थिति को काबू में करने की कोशिश कर रही पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया गया है. किसानों की ट्रैक्टर वाली हंगामेदार झांकी के क्या मतलब? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- ये देश का ऐसा विचित्र आंदोलन था, जिसका कोई नेता नहीं था : सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सांसद
- आज कोई किसान नेता दिखाई नहीं दिया : सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सांसद
- जो कानून लागू नहीं है और बिना किसान नेता के आंदोलन हो रहा था : सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सांसद
- तलवार लिए हुए ये आपको किसान नजर आ रहे हैं : सुधांशु त्रिवेदी, राज्यसभा सांसद
- दिल्ली पुलिस की चूक कहना गलत है : एल एन राव, पूर्व DCP, दिल्ली
- किसानों ने विश्वासघात किया है : एल एन राव, पूर्व DCP, दिल्ली
- उपद्रव और हिंसा बर्दाश्त नहीं है : आलोक शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- उपद्रवी किसान नहीं हो सकता है : आलोक शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- सरकार ने क्यों घुटने टेके : आलोक शर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- लाल किले पर आज जो हुआ उसकी मैं निंदा करता हूं : मास्टर शियोराज सिंह, किसान
- किसानों का आंदोलन काफी शांतिपूर्ण चल रहा था : मास्टर शियोराज सिंह, किसान
- इस घटना में जिस संगठन के लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए : मास्टर शियोराज सिंह, किसान
- ऐसी घटना की हम घोर निंदा करते हैं : मास्टर शियोराज सिंह, किसान
- ये किस संगठन के लोग हैं, ये किन लोगों ने किया है, इसकी जांच होनी चाहिए : मास्टर शियोराज सिंह, किसान
- हम किसी राजनीतिक लोगों से बात नही करते हैं : भानु प्रताप सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, BKU (भानु)
- ये जो लोग आए हैं उनका किसानी से कोई संबंध नहीं है : इकबाल सिंह लालपुरा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
- किसानों को अब घर जाना चाहिए : इकबाल सिंह लालपुरा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
- ये समय राजनीति करने का नहीं है, ये समय समस्या का समाधान करने की जरूरत है : आदिल सिंह बोपाराय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- अगर भारत सरकार अपना अहंकार छोड़ देगी तो समाधान निकल जाएगा : आदिल सिंह बोपाराय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- क्या भाजपा के अंबानी और अडानी जरूरी है या जय जवान जय किसान : आदिल सिंह बोपाराय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- क्या ये भारत सरकार और गृह मंत्रालय की विफलता है : आदिल सिंह बोपाराय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, कांग्रेस
- इस घटना से हम बहुत आहात हैं, यह घटना बहुत निंदनीय है : शिव कुमार कक्काजी
- घटना में प्रशासन और किसानों दोनों से चूक हुई : शिव कुमार कक्काजी
- गणतंत्र दिवस दिल्ली में मनाने की हमारी योजना थी : शिव कुमार कक्काजी
- ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए : शिव कुमार कक्काजी
- किसानों का अलग धरना चल रहा था और इन लोगों को अलग धरना चल रहा था : दर्शनपाल सिंह
- उपद्रवी संयुक्त किसान मोर्चे के नहीं थे : दर्शनपाल सिंह
- भारत के संविधान में हमारा विश्वास है : विवेक श्रीवास्तव, लेफ्ट नेता
- हर राजनीतिक पार्टी का किसान मोर्चा होता है : विवेक श्रीवास्तव, लेफ्ट नेता
- किसान संगठनों को देश से माफी मांगनी चाहिए : अमित अग्रवाल, दिल्ली, दर्शक
- अगर किसानों की समस्या का हल निकाला जाता तो आज हिंसा नहीं होती : सूरत सिंह, मोगा, दर्शक
- दिल्ली की घटना की हम निंदा करते हैं : सूरत सिंह, मोगा, दर्शक
Source : News Nation Bureau
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