मुस्लिम एक्ट्रेस के साथ कपूर खानदान के बेटे ने की थी ऐसी हरकत, फिर 'वन-नाइट स्टैंड' ने बिगाड़ा सारा खेल
IND vs ENG 2nd Test: अर्शदीप सिंह दूसरे टेस्ट में करेंगे डेब्यू? इस खिलाड़ी की जगह मिल सकता है मौका
हम चीन के खिलाफ अपनी ताकत के अनुसार खेलेंगे: कप्तान सलीमा
क्विंगदाओ में SCO बैठक के दौरान राजनाथ-डोंग की मुलाकात, इन विषयों पर हुई चर्चा
टी20 मैचों में ओवर कटने के बाद पावरप्ले अब गेंदों की संख्या के आधार पर
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे से जुड़े सवाल पर बोलीं आशा भोसले, 'मैं किसी राजनेता को नहीं जानती'
'पंचायत' सीजन 4 : सीरीज की सफलता से गदगद 'प्रधान जी', बताया- 'सभी के लिए कुछ है'
SCO बैठक के दौरान भारत-रूस के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात, S-400 आपूर्ति और Su-30 MKI अपग्रेडेशन पर हुई खास बात
बिहार में नीतीश कुमार और मुद्दे भी बेशुमार: पवन खेड़ा

मोदी सरकार की कश्मीर नीति का अफगानिस्तान-पाकिस्तान-अमेरिका से क्या है कनेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के संदर्भ में की गई कार्रवाई के बारे में कुछ बातें अब स्पष्ट होती जा रही हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के संदर्भ में की गई कार्रवाई के बारे में कुछ बातें अब स्पष्ट होती जा रही हैं.

author-image
Pankaj Mishra
New Update
मोदी सरकार की कश्मीर नीति का अफगानिस्तान-पाकिस्तान-अमेरिका से क्या है कनेक्शन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फाइल फोटो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के संदर्भ में की गई कार्रवाई के बारे में कुछ बातें अब स्पष्ट होती जा रही हैं. मुफ्ती परिवार के साथ गठबंधन सरकार चलाने के पीछे भाजपा की रणनीति यह थी कि पूरे प्रदेश की भावना समझी जाए. गांव से लेकर कस्बे तक, एक-एक कॉन्स्टेबल, पटवारी, डॉक्टर, इंजीनियर, लेखाकार सभी के बारे में जानकारी एकत्रित की गई. इसी गठबंधन सरकार से ही भाजपा को भीड़ और दंगाइयों के बारे में और उन्हें कंट्रोल करने के बारे में भी डेटा मिल गया. एक-एक फाइल और रिपोर्ट को पढ़ने का अवसर मिला, जो सरकार के बाहर होने से कभी भी संभव नहीं था.

Advertisment

यह भी पढ़ें ः POK पर राजनाथ के बयान से बौखलाया पाकिस्‍तान, जानें क्‍या बोले पाक के विदेश मंत्री

दूसरी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगियों का हमेशा से यह उद्देश्य था कि धारा 370 की अलगाववादी भाषा को समाप्त किया जाए. लेकिन उसके लिए ग्राउंड तैयार करना होता है, जिसमें पिछली सरकार का समय चला गया. इस रणनीति के तहत खाड़ी के देशों से संबंधों को प्रगाढ़ बनाना और उनके साथ व्यवसाय को बढ़ाना. अमेरिका, इजराइल और यूरोप के सभी देशों से राजनैतिक और व्यावसायिक पार्टनरशिप और मजबूत करना शामिल था.

यह भी पढ़ें ः अपने ही जाल में फंसा पाकिस्तान, आतंकियों पर कर दी फर्जी एफआईआर

जून 2017 में पीएम नरेंद्र मोदी पुर्तगाल गए थे. जाने के पहले उन्होंने वहां जंगल में आग लगने के कारण हुई मौतों को लेकर ट्विटर पर शोक जताया था. कई लोगों ने इस संदेश की आलोचना भी की थी. लेकिन वे यह भूल गए थे कि इसी पुर्तगाल के ही नागरिक इस समय संयुक्त राष्ट्र के महासचिव हैं. इसी प्रकार वे कई बार साउथ कोरिया गए, जहां के नागरिक बान की-मून 2016 तब संयुक्त राष्ट्र के महासचिव थे. यह दोनों महासचिव भारत की यात्रा कई बार कर चुके हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के नेताओं से वे कई बार मिल चुके हैं, क्योंकि वह सभी सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं. अगर इनमें से एक सदस्य ने भी वीटो कर दिया तो सुरक्षा परिषद में भारत के हितों के विरुद्ध कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता.

यह भी पढ़ें ः पाकिस्‍तान में पेट्रोल और डीजल की कीमत जानकार हैरान रह जाएंगे आप, 12 रुपये में बिक रही रोटी

अंत में, यह कार्रवाई एकाएक इसलिए की गई क्योंकि शीघ्र ही अमेरिका का तालिबान से समझौता होने की आशा है, जिसके बाद अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से वापस लौट जाएगी. इससे अफगानिस्तान में आतंकी देश (पाकिस्तान) का प्रभाव बढ़ सकता है और वह अफगानिस्तान के जिहादी और हथियार भारत की तरफ भेज देता.
आतंकवादी गतिविधियों में सम्मिलित होने के कारण आतंकी देश पर अभी वित्तीय प्रतिबंध की तलवार लटक रही है जिसका निर्णय अक्टूबर में होना है. हो सकता है कि आतंकी देश उस प्रतिबंध से बच जाए. हालांकि अक्टूबर तक वह इस स्थिति में नहीं है कि जिहादियों का खुलेआम समर्थन करे तथा उन्हें भारत में भेजे. अतः यही समय उपयुक्त था जम्मू -कश्मीर पर फैसला लेने का.

यह भी पढ़ें ः पाकिस्‍तान के PM इमरान खान संकट में, सरकार और सेना के बीच बढ़ी दूरियां

अगर आप ध्यान दे तो लोकसभा का सत्र 23 जुलाई को एकाएक 10 दिन के लिए बढ़ा दिया गया. यही वह समय था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्णय ले लिया था कि धारा 370 को समाप्त कर देना है. नहीं तो अगले सत्र की प्रतीक्षा करनी होती जो नवंबर मध्य में शुरू होता. लेकिन तब तक आतंकी देश जिहादियों को भेजने में ना हिचकिचाता. प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम से यह साबित हो जाता है कि उनके हृदय में केवल और केवल भारत का हित है. वह इस समय भी आगे के 5-10 वर्षों के बारे में सोच रहे हैं और उसी के अनुसार अपनी गोटियां बिछा रहे हैं.

Source : सुनील मिश्रा

PM Narendra Modi jammu-kashmir parliament-session Modi Sarkar fatf india america relation soldier Modi Sarkar 2.0 India Afganistan Pakistani Soldier
      
Advertisment