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क्या है एससी एसटी एक्ट (SC/ST Act), जानें क्यों हो रहा है विवाद?

मोदी सरकार की तरफ से एससी/एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में सवर्ण संगठनों ने आज (गुरुवार) को भारत बंद का ऐलान किया है।

Updated on: 06 Sep 2018, 01:07 PM

नई दिल्ली:

मोदी सरकार की तरफ से एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) में किए गए संशोधन के विरोध में सवर्ण संगठनों ने आज (गुरुवार) को भारत बंद का ऐलान किया है। बंदी को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भारत बंद के तहत मध्य प्रदेश सबसे संवेदनशील बना हुआ है, जहां पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हैं। इस राज्य में एससी-एसटी एक्ट को लेकर सबसे ज्यादा विरोध हो रहा है।

आइए जानते हैं कि क्या है एससी एसटी एक्टः

क्या है मामला

विवाद उस एससी-एसटी ऐक्ट (SC/ST Act) को लेकर है, जिसमें मोदी सरकार ने संशोधन करते हुए सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था। एससी-एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A को जोड़ते हुए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा।

सरकार की ओर से किए गए संशोधन के बाद इस मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान फिर से जोड़ दिया गया है। इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी, बल्कि हाई कोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी।

जातिसूचक शब्दों का उपयोग करने की शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा और मामले की जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी करेंगे। एससी-एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी।

क्यों हो रहा है बवालः

सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में एससी/एसटी एक्ट (sc/st Act) के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी और इसके तहत मामलों में तुरंत गिरफ़्तारी की जगह शुरुआती जांच की बात कही थी। क़ानून के आलोचक इसके दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी सिर्फ सक्षम ऑथोरिटी की इजाजत के बाद ही हो सकती है। इसके अलावा जो लोग सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, उनकी गिरफ्तारी जांच के बाद एसेएसपी की इजाजत से हो सकेगी। बेगुनाह लोगों को बचाने के लिए कोई भी शिकायत मिलने पर तुरंत मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। कोर्ट के इस आदेश और नई गाइडलाइंस के बाद से इस समुदाय के लोगों का कहना है कि ऐसा होन के बाद उन पर अत्याचार बढ़ जाएगा।

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