ये है S-400 एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम, निकल जाएगी पाकिस्तान के परमाणु बम की हेकड़ी | 10 बातें
सैन्य खेमे में एस-400 के आने से एशिया में भारत का दबदबा पूरी तरह से कायम हो जाएगा. अभी किसी देश के पास ऐसी उन्नत एयर डिफेंस प्रणाली नहीं है.
नई दिल्ली:
एस-400 एक विमान भेदी हथियार प्रणाली है जिसे पहले एस-300 के नाम से जाना जाता था. रूस ने अपने सैन्य खेमे में इसे अप्रैल 2007 में शामिल किया था. अभी किसी देश के पास ऐसी उन्नत एयर डिफेंस प्रणाली नहीं है. सैन्य खेमे में एस-400 के आने से एशिया में भारत का दबदबा पूरी तरह से कायम हो जाएगा.
1. यह एक ऐसी एयर डिफेंस प्रणाली है जो संभावित मिसाइल हमले की तुरंत जानकारी देता है और आवश्यकतानुसार यह दुश्मन की मिसाइल को भी मार गिराता है.
2. भारत से पहले रूस ने अब तक सिर्फ चीन को एस-400 बेची है हालांकि विश्व के कई देश इस एयर डिफेंस प्रणाली को हासिल करने के होड़ में हैं.
3. इस मिसाइल सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे सभी तरह के एरियल टारगेट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
4. ये 400 किमी की रेंज में और 10,000 फीट की ऊंचाई तक हमला कर सकता है.
5. हवा में (एयरोडायनेमिक) लक्ष्यों के लिए रेंज- 3 किमी से 240 किमी है. जो पाकिस्तान जैसे देशों को आसानी से अपनी जद में ले लेगा.
6. मिसाइल सिस्टम की अधिकतम रफ्तार 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड तक है. 10,000 फीट की ऊंचाई तक निशाना साध सकता है.
7. एस-400 एक साथ 36 लक्ष्यों को अपना निशाना बना सकती है और इसकी तैनाती में मात्र 5 मिनट तक का समय लगता है.
8. अगर अमेरिका के एमआईएम-104 से तुलना करें तो इसकी ताकत दोगुनी है. इसका मुख्य काम दुश्मनों के स्टील्थ विमान को हवा में उड़ा देना है.
9. एस-400 की रूस की पुरानी एयर डिफेंस सिस्टम एस-300 का ही अपग्रेडेड वर्जन है जिसे अल्माज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ऑफ रूस के द्वारा तैयार किया जा रहा है.
10. एस-400 ट्रायफ्फ एयरक्राफ्ट, रोटरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल, गाइडेड मिसाइल, ड्रोन और बैलिस्टिक रॉकेट मिसाइल को 600 किलोमीटर की दूरी के रेंज तक पता लगा सकता है. यह एक साथ 300 लक्ष्यों को ट्रैक करने में सक्षम है.
हालांकि रूस 2020 तक एस-400 के अपग्रेडेड तकनीक पर काम कर रहा है और अनुमान है कि रूस 2020 तक एस-500 एयर डिफेंस प्रणाली अपने सैन्य खेमे में शामिल कर सकता है.
बता दें कि अमेरिका और रूस विश्व की सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है. अमेरिका और रूस के पास पूरे विश्व का 92 फीसदी परमाणु हथियार है. अमेरिका के पास परमाणु हथियारों की संख्या 6,450 है वहीं रूस के पास 6,850 है. ऐसे में रणनीतिक और बाजार के कारण भी दोनों देशों के बीच हथियार और रक्षा प्रणाली को लेकर संघर्ष बना रहता है.
और पढ़ें- दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचेंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, S-400 मिसाइल समझौते पर बनेगी बात
दुनिया भर में जारी संघर्षों के बीच सभी देश अपनी जमीनी, समुद्री और हवाई आधारित मिसाइल सिस्टम का लगातार विस्तार कर रहे हैं ऐसे में यह एक चिंता का विषय भी है. पाकिस्तान परमाणु हथियार रखने के मामले में भारत से अब भी आगे है. जनवरी 2018 तक पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों की संख्या 140-150 है वहीं भारत के पास 130-140 परमाणु हथियार हैं.
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