पी. चिदंबरम और अमित शाह के बीच सियासी शह-मात का खेल, जानें दोनों के साथ कब क्या हुआ
सीबीआई की टीम ने काफी मशक्कत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया है.
नई दिल्ली:
सीबीआई की टीम ने काफी मशक्कत के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया है. पी. चिदंबरम के साथ आज जो कुछ हो रहा है, वह लगभग एक दशक पहले के बड़े सियासी घटनाक्रम की याद दिलाता है. उस वक्त कुछ ऐसा ही मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह के साथ हो रहा था. देश की शीर्ष जांच एजेंसियां उनके पीछे पड़ी थीं, लेकिन अब समय बदल गया है और खेल भी बदल गया है.
यह भी पढ़ेंः पी. चिदंबरम गिरफ्तार, कार्ति बोले- जांच एजेंसी कुछ लोगों को संतुष्ट करने के लिए नाटक कर रही है
आज अमित शाह गृहमंत्री है और पी चिदंबरम की मुसीबत बढ़ गई है. इसी क्रम में INX मीडिया केस में करीब 27 घंटे से फरार चल रहे पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम बुधवार रात कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से रूबरू हुए. यहां उन्होंने अपनी बात रखी. इसके तुरंत बाद वह निकल गए. हालांकि, सीबीआई की टीम वहां पहुंच गई. यहां कांग्रेस नेताओं ने दरवाजे बंद कर लिए. पी चिदंबरम के साथ कांग्रेस के 9 बड़े नेता मौजूद रहे. वहां ड्रामा होता रहा और इस बीच पी चिदंबरम अपने घर पहुंच गए. यहां लंबे ड्रामे के बाद उन्हें सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार हुए थे अमित शाह
गौरतलब है कि इस कहानी के फ्लैशबैक में जाएं और समय के चक्कर को घुमाएं तो कई साल पहले विपक्षी पार्टी के तौर पर बीजेपी भी यूपीए सरकार पर ऐसा ही आरोप लगाती थी और तब गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे. यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान जब पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे, उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था. इस मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी. 25 जुलाई 2010 को सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था. चिदंबरम 29 नवंबर, 2008 से 31 जुलाई 2012 तक देश के गृह मंत्री रहे थे.
तीन महीने जेल में रहे शाह
25 जुलाई को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमित शाह को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. इस मामले में अमित शाह तीन महीने तक सलाखों के पीछे रहे. इसके बाद उन्हें दो साल तक गुजरात से बाहर रहने का आदेश दिया गया. इसके बाद 29 अक्टूबर, 2010 को गुजरात की हाईकोर्ट ने अमित शाह को जमानत दी थी. अमित शाह की गिरफ्तारी पर भाजपा भड़की हुई थी और उसने यूपीए सरकार पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई करने का आरोप लगाया था. अब कुछ ऐसा ही आरोप केंद्र की एनडीए सरकार पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगा रहे हैं.
2015 में आरोप मुक्त हुए अमित शाह
सोहराबुद्दीन मामले में 2012 तक अमित शाह गुजरात के बाहर ही रहे. 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें राहत मिली और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें गुजरात जाने की इजाजत दे दी. हालांकि, सीबीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को गुजरात से बाहर शिफ्ट कर दिया और मुंबई भेज दिया. बाद में इस मामले की सुनवाई मुंबई की अदालत में ही हुई. लंबी सुनवाई के बाद साल 2015 में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने अमित शाह को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश पी. चिदंबरम के मामले में क्या रुख अपनाते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें