लखनऊ एनकाउंटर: आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़ा था सैफुल्लाह, जानिए क्या है यह ख़तरनाक 'प्लान'

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुई मुठभेड़ में मारे गए आंतकी सैफुल्लाह के सामने आने के बाद इसके आईएसआईएस के 'खुरासान' मॉड्यूल के तह्त देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की बात सामने आई है।

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Shivani Bansal
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लखनऊ एनकाउंटर: आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़ा था सैफुल्लाह, जानिए क्या है यह ख़तरनाक 'प्लान'

'खुरसान' मॉडल और इसका प्लान (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुई मुठभेड़ में मारे गए आंतकी सैफुल्लाह के सामने आने के बाद इसके आईएसआईएस के 'खुरासान' मॉडल के तह्त देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की बात सामने आई है।

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आख़िर क्या है यह 'खुरसान' मॉडल

'खुरासान' मॉडल के तह्त कुख़्यात आंतकवादी संगठन आईएसआईएस भारत समेत एशिया के बड़े हिस्से पर अपना कब्ज़ा चाहता है। प्लान के तह्त आईएसआईएस का 2020 तक भारत और दुनिया के कई देशों को अपने चंगुल में जकड़ना चाहता है।

इनमें यूरोप, चीन, भारत और नॉर्थ अफ्रीका तक की करीब आधी से ज़्यादा दुनिया का हिस्सा शामिल है। इसके लिए बकायदा इस्लामिक स्टेट ने एक नक्शा बनाया है। इस नक्शे में स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस के हिस्से को अरबी में 'अंदालुस' नाम दिया गया है।

इन देशों पर 'मुरों' ने 8वीं से 15वीं सदी के बीच कब्ज़ा किया था। वहीं, भारत समेत एशिया के बड़े हिस्से को 'खुरासान' नाम दिया गया।

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'खुरासान' का इतिहास

दरअसल ईरान के पूर्व आमू नदी के दक्षिण और हिंदूकुश के उत्तर में स्थित एक बड़े भू-भाग का नाम 'खुरासान' था। हालांकि, अब इस नाम का प्रयोग बहुत कम होता है। यह ईरान के उस उत्तर-पूर्वी प्रांत का नाम है जो उत्तर में रुसी कैस्पिनय प्रदेश से लगा है।

प्राचीन 'खुरासान' या प्राचीन ख़ोरासान मध्य एशिया का एक ऐतिहासिक क्षेत्र था जिसमें आज के अफ़गानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और पूर्वी ईरान के बहुत से भाग शामिल थे। आज के ईरान में एक 'ख़ोरासान प्रांत' है जो इस ऐतिहासिक ख़ुरासान इलाक़े का केवल एक हिस्सा है।

'खुरासान' का मतलब

मध्य फारसी में 'ख़ुर' का मतलब 'सूरज' और 'असान' या 'अयान' का मतलब 'आना' होता है। इस तरह 'ख़ुरासान' का मतलब माना जाता है- 'वह जगह जहां से सूरज आता हो' यानि 'पूर्वी ज़मीन' और यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ख़ुरासान क्षेत्र ईरान से पूर्व में है।

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लखनऊ आतंकी मुठभेड़

यूपी के लखनऊ में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच 12 घंटे तक चली मुठभेड़ के ख़त्म होने के बाद पुलिस ने जिस संदिग्ध आंतकी को मार गिराया, उसका नाम सैफुल्लाह बताया गया है। 

हालांकि मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों के छिपे होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन ऑपरेशन के बाद पुलिस को एक आंतकवादी का शव मिला। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने बताया कि, कानपुर-लखनऊ के कुछ लोकल लड़कों ने 'खुरासान' नाम का ग्रुप तैयार किया जो सोशल मीडिया के जरिए बनाया गया।

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पुलिस के मुताबिक यह लोग सोशल मीडिया के जरिए ही एक-दूसरे के संपर्क में रहकर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी करते थे।

पुलिस की जानकारी के मुताबिक आईएसआईस से प्रभावित इन युवा लड़कों ने खुद एक ग्रुप बनाया। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से गिरफ्तार यह 6 संदिग्ध सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे और आईएसआईएस संगठन के लोगों के साथ संपर्क में थे।

इन लोगों की बातचीत की जानकारियां जुटाई जा रही हैं। यह संदिग्ध लगातार आईएसआईएस लिंक की सोशल मीडिया साइट्स पर सक्रिय रहते थे और फिलहाल भारत के बाहर नहीं गए थे। लेकिन इन संदिग्धों के तार मप्र ट्रेन बन धमाके से जुड़े हुए हैं।

ऐसे करता था 'खुरासान' ग्रुप भर्तियां

इस ग्रुप का मुखिया शफी अमरार ने खुद को जुनुद अल खलीफा ई हिंद (भारतीय खलीफा के सैनिक) का प्रमुख घोषित किया है जबकि अबू सुलेमन आईएस में भर्ती कराने वाला प्रमुख या 'प्रेरक' हैं।

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अमरार इससे पहले आईएम के साथ जुड़ा था और फिर आईएस से जुड़ गया था। इसका बड़ा भाई सुल्तान अमरार भी आईएस से जुड़ा था लेकिन ड्रोन एटैक में मारा गया था। अमरारा सीरिया के रक्का से ताल्लुक रख़ता है। 

इससे पहले नेशनल इंवेस्टीगेटिव एजेंसी एनआईए ने भी शफी अमरारा को आईएस में भर्ती के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते पाया था। यह आईएस के समर्थन में लिखता है और इसका प्रसार करता है।

इस बीच ऐसी भी अपुष्ट रिपोर्ट्स मिली हैं जिनमें शफी के भी अप्रैल 2016 में ड्रोन हमले में मारे जाने की बात कही गई है। यहां यह बता दें कि पिछले साल 2016 में नेशनल इंवेस्टीगेटिव एजेंसी ने भारत में आईएसआईएस से तार रखने वाले करीब 52 लोगों को गिरफ्तार किया था जबकि 12 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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HIGHLIGHTS

  • 'खुरासान' मॉड्यूल के तह्त आंतकवादी संगठन आईएसआईएस भारत समेत एशिया कई देशों पर कब्ज़ा करना चाहता है
  • आईएसआईएस का प्लान 2020 तक भारत और दुनिया के कई देशों को अपने चंगुल में जकड़ने का है
  • इनमें यूरोप, चीन, भारत और नॉर्थ अफ्रीका तक के देशों तक का हिस्सा शामिल है

Source : News Nation Bureau

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