Bofors scam : आज होनी है सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई, जानें क्या है मामला

एक समय देश में बाेफोर्स घोटाला सबसे ज्‍यादा चर्चा का विषय था. इसके चलते राजीव गांधी की सरकार को कई दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा था.

author-image
vinay mishra
एडिट
New Update
Bofors scam : आज होनी है सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई, जानें क्या है मामला

Bofors scam

एक समय देश में बाेफोर्स घोटाला सबसे ज्‍यादा चर्चा का विषय था. इसके चलते राजीव गांधी की सरकार को कई दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा था. आज इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. ऐसे में जानते हैं क्‍या था यह पूरा मामला …

Advertisment

आइए जानते हैं कि बोफोर्स घोटाला क्या है?

दरअसल साल 1987 में स्वीडन की रेडियो ने खुलासा करते हुए बताया था कि स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स ने भारतीय सेना को तोप की सप्लाई करने का सौदा हासिल करने के लिये 80 लाख डालर की दलाली चुकायी थी. बता दें कि उस समय राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. बता दें कि उस समय 1.3 अरब डालर में कुल चार सौ बोफोर्स तोपों की खरीद का सौदा हुआ था.

इतावली कनेक्‍शन
आरोप था कि गांधी परिवार के नजदीकी बताए जाने वाले इतालवी व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोक्की ने डील करवाने में बिचौलिये की भूमिका अदा की थी और इसके एवज में बड़ा हिस्सा भी लिया था. बताया जाता है कि कथित तौर पर स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स ने भारत के साथ सौदे के लिए 1.42 करोड़ डालर की रिश्वत बांटी थी.

चली गई थी सरकार
इसी मुद्दे को लेकर 1989 में राजीव गांधी की सरकार चली गयी थी और विश्वनाथ प्रताप सिंह राजनीति के नए नायक के तौर पर उभर कर सामने आए. हालांकि विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार भी बोफोर्स दलाली का सच सामने लाने में विफल रही.

और पढ़ें : राफेल डील में नहीं है कोई घोटाला, बोफोर्स से तुलना अपमानजनक- रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण

मौत के बाद हटा राजीव गांधी का नाम
इस मुद्दे को लेकर काफी समय तक अभियुक्तों की सूची में राजीव गांधी का नाम भी आता रहा लेकिन उनकी मौत के बाद फाइल से नाम हटा दिया गया. बाद में इस मामले की जांच सीबीआई टीम को सौंपी गई. जोगिन्दर सिंह के सीबीआई चीफ रहते जांच काफी आगे भी बढ़ी लेकिन उनके हटते ही जांच ने दूसरी दिश पकड़ ली.

Source : News Nation Bureau

Supreme Court bofors scam government Sweden Cannon Ottavio Quattrocchi Congress government Rajiv Gandhi Italian connection
      
Advertisment