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रोहिंग्या पर 'सुप्रीम' फैसले में क्या ? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas

सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी पर फिलहाल बिना, प्रक्रिया के पालने के बिना वापस नहीं भेजे जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल, अभी इन रोहिंग्याओं की रिहाई नहीं होगी.

Updated on: 08 Apr 2021, 11:49 PM

highlights

  • जम्मू के होल्डिंग सेंटर में भेजे गए रोहिंग्या का मामला
  • सुप्रीम कोर्ट का आया फैसला
  • रोहिंग्या जम्मू कश्मीर के होल्डिंग सेंटर से रिहा नहीं होंगे

नई दिल्ली :

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जम्मू में हिरासत में लिए गए 168 रोहिंग्या शरणार्थियों (Rohingya Refugees) को म्यांमार वापस भेजने पर फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, रोहिंग्याओं को नियत प्रक्रिया का पालन किए बिना म्यांमार नहीं भेजा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी पर फिलहाल बिना, प्रक्रिया के पालने के बिना वापस नहीं भेजे जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल, अभी इन रोहिंग्याओं की रिहाई नहीं होगी. इन  सभी को अभी प्रक्रिया पूरी होने तक होल्डिंग सेंटर में रहना होगा. बता दें कि कुछ रोहिंग्याओं को लेकर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस बात की मांग की थी कि इन लोगों को रिहा कर भारत में ही स्वतंत्र रूप से रहने दिया जाए. प्रशांत भूषण की इस याचिका पर केंद्र सरकार ने इसका कड़ा विरोध किया था. वहीं प्रशांत भूषण की इस मांग का विरोध करते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें रखीं. रोहिंग्या पर 'सुप्रीम' फैसले में क्या ? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.

हमारे यहां हिन्दू रोहिंग्या भी शरणार्थियों में आए हैंः तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक

5 करोड़ के आंकड़े का कोई बेस नहीं है ये आप भी मानते हैं और मैं भी मानता हूंः तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक

इस वक्त ज्यादा भारतीय बांग्लादेश में है जो काम करने गए हैंः तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक

इस समय बांग्लादेश की इकोनॉमी भारत से बेहतर हैः तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक

कुछ लोगों ने धर्मशाला बनाने का संकल्प लिया था लेकिन हम उन्हें सफल नहीं होने देंगेः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

ये लोग देश को अधर्मशाला बनाने की कोशिश में लगे हुए थेः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

आप जिस पाकिस्तान और बांग्लादेश को अपना बौद्धिक गुरू मानते हैं वो खुद आपको अपनाने को तैयार नहीं हैः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

ऐसे घुसपैठिए जो आतंकी संगठनों से जुड़े हैं उन्हें हम कैसे अपना सकते हैंः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

ये लोग बौद्धों का नरसंहार करते हुए भारत आ रहे हैं और भारत की बहु संख्यक आबादी के खिलाफ हैंः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

अभी हमारे भाई तहसीन पूनावाला ने आपको समझाया कि कौन घुसपैठिया हैः  वकार एच भट्टी, राजनीतिक विश्लेषक

मैं आपको बता दूं कि ब्राम्हण भी भारत में बाहर से आए हैंः  वकार एच भट्टी, राजनीतिक विश्लेषक

आप मुसलमानों को टारगेट करते हो कभी भारत की भी बात कर लिया करोः  वकार एच भट्टी, राजनीतिक विश्लेषक

आप अपने शो में सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करते हो कभी रोहिंग्या के नाम पर, आतंकवाद के नाम पर तो कभी पाकिस्तान के नाम परः  वकार एच भट्टी, राजनीतिक विश्लेषक

रोहिंग्याओं को अपने देश में बिलकुल शरण नहीं देनी चाहिएः साधना सिंह, दर्शक

मुसलमान रोहिंग्याओं ने 80 हिन्दू पुरुष रोहिंग्याओं को एक साथ कत्ल करके एक ही कब्र में दफन कर दिया था और उनकी पत्नियों को अपने पास रख लियाः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

इन रोहिंग्याओं ने अपने देश में गृहयुद्ध ही नहीं लड़ रहे बल्कि उन्होंने अपने साथी हिन्दुओं का भी कत्ल किया थाः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

ये मुझे इसलिए नहीं सुनना चाहते हैं क्यों कि सच इनके पेट में मरोड़ पैदा करता हैः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

ये रोहिंग्या जम्मू में उमर अब्दुल्ला सरकार और मनमोहन सिंह की साजिश की बदौलत लाए गए थेः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

आपने जो भी मजहब कबूल किया वो आपको मुबारक हो हमें बताने की जरूरत नहीं है कि वो कैसा हैः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

ये देश संविधान के हिसाब से चलता है हमारी सुप्रीम कोर्ट और संसद के मुताबिक चलता हैः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

जिसे इस देश का संविधान सही ना लगे वो बॉर्डर पार चला जाएः सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक

भारत एक सेक्युलर देश है यहां पर सबको समान अधिकार हैःवाणी यासमीन,राजनीतिक विश्लेषक

हम इंडियंस वसुधैव कुटुम्बकम पर विश्वास रखते हैंः वाणी यासमीन,राजनीतिक विश्लेषक

दुनिया भर में कुख्यात हैं ये रोहिंग्या क्योंकि सबसे ज्यादा तस्करी में ये लोग लिप्त हैंः  मेजर जनरल जीडी बख्शी, सुरक्षा विशेषज्ञ

याद रहे कि 1947 से पहले रोहिंग्या के लोगों ने पाकिस्तान बनने से पहले चिट्ठी लिखी थीः  मेजर जनरल जीडी बख्शी, सुरक्षा विशेषज्ञ

उस समय जिन्ना भी घबरा गए थे कि पाकिस्तान के नाम पर उन्हें बर्मा न दिया जाएः  मेजर जनरल जीडी बख्शी, सुरक्षा विशेषज्ञ

इसके बाद इन रोहिंग्याओं ने बर्मा में अपने ही देश के लोगों को मारना शुरू कर दिया थाः  मेजर जनरल जीडी बख्शी, सुरक्षा विशेषज्ञ

फिर वहां की ऑर्मी ने इनका दमन शुरू किया तब ये वहां से भागेः  मेजर जनरल जीडी बख्शी, सुरक्षा विशेषज्ञ

फिर ये कश्मीर आए और वहां पर रहना शुरू कर दिया और अपनी गतिविधियां शुरू कर दींः  मेजर जनरल जीडी बख्शी, सुरक्षा विशेषज्ञ

मैं ये जानना चाहता हूं कि क्या ये लीगली इस देश में घुस आए हैंः राजू झा, दर्शक, पुणे

क्या हमारे अपने देश के मुसलमान भाई और बहनों के रिसोर्सेस इनको दे देंगेः  राजू झा, दर्शक, पुणे

वसुधैव कुटुंबकम कोई आपका सुविधाजनक सूत्र नहीं हो सकता हैः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

समग्रता में मानवता का विकास हो ये वसुधैव कुटुंबकम की परिभाषा हैः प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, बीजेपी

मैं इस बात से बिलकुल भी सहमत नहीं हूं कि रोहिंग्याओं को देश में शरण दी जाएः पवन कुमार जैन, दर्शक, जयपुर