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किसान आंदोलन को लेकर अब तक क्या हुआ, 5 प्वांइट में जानें पूरा मामला

Farmers Agitation: किसान नेताओं ने साफ कह दिया है कि वह ओपन जेल में जाने के बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाइवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाइवे, गाजियाबाद से आने वाला हाइवे जाम करेंगे.

Updated on: 30 Nov 2020, 09:28 AM

नई दिल्ली:

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (New Agriculture Law 2020) के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के किसानों का महासंग्राम (Farmers Agitation) जारी है. पंजाब सहित अन्य राज्यों से भारी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं. किसानों ने साफ कह दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो दिल्ली के सभी प्रमुख राजमार्गों को जाम कर दिया जाएगा. किसानों ने साफ कह दिया है कि वह गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले रास्ते बंद कर देंगे. 

किसान पिछले चार दिनों से दिल्ली में डटे हुए है. किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि दिल्ली आने वाली पांच सड़कों को हम जाम कर देंगे. हम 5 प्वाइंट पर धरना देंगे. किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने से मना कर दिया तो देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली.

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बुराड़ी जाने के किया इनकार
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि किसान बुराड़ी में प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन किसानों ने यह मांग मानने से साफ इनकार कर दिया. किसानों का कहना है कि उन्हें जंतर मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत दी जाए. किसान नेताओं का कहना है कि ये शर्त अपमानजनक है. किसान बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है.

5 प्वाइंट से दिल्ली घेराव की तैयारी
किसानों ने अपने प्रदर्शन को और बढ़ाने के लिए 5 प्वाइंट से दिल्ली का घेराव करने का प्लान तैयार किया है. किसानों ने कहा है कि वह  सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाइवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाइवे, गाजियाबाद से आने वाला हाइवे जाम करेंगे. किसान इस बार आर-पार के मूड में नजर आ रहे हैं. 

मंच पर नहीं होंगे राजनीतिक दल
किसानों ने साफ कर दिया है कि उनके मंच पर राजनीतिक दलों को एंट्री नहीं दी जाएगी. किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है. कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे. इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी.

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बढ़ सकती है दिक्कतें
किसानों के प्रदर्शन से दिल्लीवालों की परेशानी बढ़ सकती है. किसानों के प्रदर्शन से अगर जरूरी चीजों की सप्लाई रुकती है तो पेट्रोल-डीजल के दाम सहित कई जरूर सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं. इससे दिल्ली के हालात बिगड़ सकते हैं. सब्जी की किल्लत हो सकती है. किसान आंदोलन के कारण हाइवे पर मिनी पंजाब जैसा नजारा दिखने लगा है. ट्रॉलियों में ही किसानों ने अपना घर बना लिया है. जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं. कुछ लोग धरने पर बैठे हैं तो कुछ इनके लिए खाना बनाने का काम कर रहे हैं. 

मंगलवार से राज्यों में भी प्रदर्शन की तैयारी 
किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. पंजाब और हरियाणा के साथ यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं. दूसरी तरफ यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को जल्दी बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था. किसान अभी आगे की रणनीति के लिए विचार कर रहे हैं.