तालिबान का सैन्य रणनीतिकार मुल्ला याकूब उमर पहली बार मीडिया के सामने आया
तालिबान का सैन्य रणनीतिकार मुल्ला याकूब उमर पहली बार मीडिया के सामने आया
नई दिल्ली:
अफगानिस्तान का नया रक्षा मंत्री और तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला याकूब उमर बुधवार को काबुल में पहली बार मीडिया के सामने आया। यह जानकारी एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने दी।रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान सैन्य आयोग के प्रमुख मुल्ला याकूब हाल ही में कंधार से काबुल आया है और उसके परिवार के करीबी सदस्य उसके निजी रक्षक हैं।
अमेरिका ने जब अपने बलों की वापसी की घोषणा की, उसके बाद तालिबान द्वारा पूरे देश पर कब्जा किए जाने के पीछे प्रेरक शक्ति मुल्ला याकूब को माना जाता है।
एक स्थानीय पत्रकार ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि याकूब के संबोधन के दौरान असाधारण सुरक्षा थी, क्योंकि याकूब अभी भी अमेरिका में सबसे वांछित व्यक्तियों में से एक है। मुल्ला याकूब द्वारा सभा को संबोधित किए जाने की घोषणा ने प्रतिभागियों और मीडियाकर्मियों को चकित कर दिया, क्योंकि उसकी मौजूदगी के बारे में कोई नहीं जानता था।
याकूब ने काबुल के शहीद सरदार दाऊद अस्पताल में समारोह को संबोधित करते हुए अफगान समाज के धनी वर्गो से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया, ताकि अफगानों को इलाज के लिए पड़ोसियों पर निर्भर न रहना पड़े।
उसने कहा कि तालिबान अफगानों की सेवा करने के लिए सत्ता में आए हैं, इसलिए जिनके पास अधिक संसाधन हैं, उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहिए।
आरएफई/आरएल ने पहले की एक रिपोर्ट में कहा था कि मुल्ला उमर के 30 वर्षीय बेटे मुल्ला याकूब उमर का ठिकाना एक रहस्य है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन का नया नामित सर्वोच्च नेता मुल्ला हैबतुल्लाह अखुंदजादा को केवल पोस्टरों पर देखा गया है। यहां तक कि सरकारी नियुक्तियों की जिम्मेदारी उसी को दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक साल पहले उसकी मौत की घोषणा कर दी गई थी।
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का 27 वर्षीय बेटा बलूचिस्तान में बड़ा हुआ और उसने पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत में भी धार्मिक शिक्षा प्राप्त की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि वह अपनी अंतिम परीक्षा के लिए कंधार चला गया।
याकूब को बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाने का विशेषज्ञ माना जाता है, भले ही पहले वह युद्ध में पारंगत नहीं था। बाद में उसे तालिबान द्वारा सैन्य आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया था। नियुक्ति के बाद वह पाकिस्तान से वापस अफगानिस्तान चले गया।
सूत्रों के मुताबिक, याकूब सैन्य अभियानों में मुल्ला हैबतुल्लाह का करीबी सहयोगी है, जबकि तालिबान शूरा में वह दमदार आवाजों में से एक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसका दावा है कि सैन्य अभियानों और संबंधित नियुक्तियों पर याकूब को अंतिम अधिकारी के रूप में माना जाता है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य