IT Raid: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू ने आयकर की छापेमारी के बाद पहली बार मीडिया के सामने मुंह खोला है. आपको बता दें कि साहू के ठिकानों से ईडी ने 350 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए साहू ने कहा कि छापेमारी में जितना भी कैश बरामद किया गया हे, ये सब मेरी शराब कंपनियों का है. शराब का पूरा कारोबार नकदी में होता है, इसका कांग्रेस पार्टी से किसी तरह कोई लेनादेना नहीं है. धीरज साहू के अनुसार, उन्होंने झारखंड में कई विकास कार्य किए हैं. वे हमेशा गरीबों की मदद करते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि जो नकदी बरामद की गई, वह उनकी पक्की रकम है. उनका परिवार बीते दस दशकों से भी अधिक समय से शराब का कारोबार चला रहा है. शराब का कारोबार ज्यादातर नकदी में ही होता है. यह व्यवसाय उनके परिवार के लोग चलाते थे.
साहू ने सफाई देते हुए कहा कि आईटी को छापेमारी में जो कैश मिला है, वह किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं है. यह व्यापारिक फर्म के लिए नकदी रखी गई थी. साहू के अनुसार, वे पहले भी कह चुके हैं कि यह पैसे उनके परिवार की कंपनियों का है. अब आयकर विभाग यह तय करेगा कि यह काला धन है या सफेद धन. वे बिजनेस लाइन में नहीं हैं. उनके परिवार के सदस्य इसका जवाब देंगे. उन्हें नहीं पता कि लोग इसे किस तरह से देख रहे हैं. मगर वे यह विश्ववास के साथ कहना चाहते हैं कि इस पैसे का कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल से किसी तरह का कोई लेना देना नहीं है.
जानें पूरा मामला
आयकर विभाग ने धीरज साहू के ठिकानों पर छह दिसंबर को छापेमारी की थी. आईटी ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे थे. ये छापेमारी बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों पर की गई थी. ये कंपनियां कांग्रेस सांसद धीरज साहू और उनके परिवार से संबंधित हैं. छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम के सामने इतना कैश आया कि इसे गिनने के लिए पूरी टीम बुलाई गई. नोट गिनने के लिए 40 मशीनों को लगाया गया. इसमें 25 मशीनों का उपयोग हुआ, 15 को बैकअप में रखा गया. इस छापेमारी के दौरान सिर्फ नकदी नहीं मिली, बल्कि तीन किलो सोना भी जब्त हुआ.
Source : News Nation Bureau