भारत में गरीबी मापने के मापदंड क्या हैं? जानिए सरकार किसे मानती है गरीब

सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों की स्थिति में सुधार करने की कोशिश की जाती है, जिससे गरीबों को आर्थिक सहारा प्राप्त हो सके और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके.

सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों की स्थिति में सुधार करने की कोशिश की जाती है, जिससे गरीबों को आर्थिक सहारा प्राप्त हो सके और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके.

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Sonam Gupta
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government considered poor

government considered poor( Photo Credit : Social Media)

भारत में गरीबी को मापने के लिए कई पैरामीटर हैं. भारत में गरीबी एक महत्वपूर्ण समस्या है जो समाज के विभिन्न वर्गों को प्रभावित करती है. गरीबी का स्तर विभिन्न कारणों से बढ़ता है, जैसे कि बेरोजगारी, अशिक्षा, विपरीत जनसंख्या नियंत्रण, और सामाजिक असमानता. गरीबी के कारण समाज के कई वर्ग जैसे कि किसान, श्रमिक, और गरीब परिवार प्रभावित होते हैं. गरीबी के कारण लोग आवश्यक सुविधाओं और सेवाओं की कमी का सामना करते हैं और उन्हें आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है. सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबों की स्थिति में सुधार करने की कोशिश की जाती है, जिससे गरीबों को आर्थिक सहारा प्राप्त हो सके और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार हो सके. यहां कुछ मुख्य पैरामीटर हैं जो गरीबी को मापने में महत्वपूर्ण हैं:

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आय निर्धारण : लोगों की आय के आधार पर गरीबी की माप की जाती है. आय के निर्धारण के लिए प्रति दिन या प्रति माह की आय को मापा जाता है.

मल्टीडाइमेंशनल पूर्वानुमान : यह गरीबी के पैमाने को मापने का एक अद्वितीय तरीका है जो आय, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सामाजिक पैरामीटरों का ध्यान रखता है.

गरीबी की सीमा : भारत सरकार द्वारा निर्धारित गरीबी की सीमा को मापने का तरीका है, जिसमें आय के स्तर के आधार पर गरीबी की सीमा का निर्धारण किया जाता है.

घरेलू और नारीयल गरीबी की मापदंड : इसमें घरेलू उपयोग और नारीयल गरीबी की मापदंडों को मापा जाता है, जैसे कि घर के संपत्ति, आवास की स्थिति, खाद्य सुरक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाएँ.

नरेगा : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के अंतर्गत, गरीबी को मापने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के मापदंडों का उपयोग किया जाता है.

टेंडर्स : नीति आयोग द्वारा निर्धारित निर्माण, परिवहन, और अन्य क्षेत्रों में टेंडर्स के आधार पर प्रोजेक्ट्स की लागत को मापा जाता है.

जीडीपी : ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर गरीबी के स्तर को मापा जाता है.

आरएसबीआई : आरएसबीआई (आरूरल क्षेत्र में स्थिति का विश्लेषण) और अन्य समीक्षाओं के माध्यम से गरीबी के स्तर का मूल्यांकन किया जाता है.

जनगणना : भारतीय जनगणना के द्वारा गरीबी के आंकड़े निकाले जाते हैं, जैसे कि जीडीपी प्रति व्यक्ति और विभिन्न गरीबी रेखाएं.

इन पैरामीटरों का सही रूप से उपयोग करके गरीबी को मापने का प्रयास किया जाता है और इसके आधार पर सरकार कार्यक्रमों को योजनाबद्ध करती है.

Source : News Nation Bureau

What are the criteria government considered poor
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