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बंगाल कांग्रेस प्रभारी ने ISF से गठबंधन को बुरे नतीजे के लिए ठहराया दोषी 

कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि आईएसएफ के साथ गठबंधन ने राज्य में पार्टी की संभावनाओं को चौपट कर दिया.

Updated on: 10 May 2021, 06:23 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के पश्चिम बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि आईएसएफ के साथ गठबंधन ने राज्य में पार्टी की संभावनाओं को चौपट कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, जितिन ने कहा कि आईएसएफ के साथ गठबंधन वामपंथी दलों ने तय किया था, न कि कांग्रेस ने. चुनावों के समय, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वाम दल आईएसएफ के साथ सीट बंटवारा कर चुके हैं. आईएसएफ (भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा) का गठन फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने किया था, जिसके साथ वाम दलों ने गठबंधन किया था और कांग्रेस, वाम दलों के साथ गठबंधन में थी.

कांग्रेस के राज्य प्रभारी ने सीट बंटवारे में देरी के लिए समिति को दोषी ठहराया और यह भी कहा कि अंतिम चरणों के लिए चुनाव प्रचार शुरू होने के समय जहां कांग्रेस मजबूत थी. चुनाव टीएमसी और भाजपा के बीच द्विध्रुवीय हो गया, और पार्टी अपने गढ़ मालदा और मुर्शिदाबाद में भी कोई सीट नहीं पा सकी.

प्रसाद ने यह भी कहा कि यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि ममता बनर्जी पर प्रहार करना है या नहीं, असमंजस की स्थिति थी. उन्होंने सीडब्ल्यूसी से अनुरोध किया कि गठबंधन के मुद्दे पर प्रकाश डाला जाए और यह बताया जाए कि आगे किस दिशा में बढ़ना है. कांग्रेस इस बार पश्चिम बंगाल चुनाव में खाता नहीं खोल सकी, जबकि 2016 में पार्टी के पास 44 विधायक थे, लेकिन इनमें से आधे टीएमसी और अन्य दलों से चले गए, जिसके बाद संख्या घटकर 22 रह गई.

इससे पहले, दिन में पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "सीडब्ल्यूसी की यह बैठक हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है. हमें अपने गंभीर झटकों पर ध्यान देना है. कहना यह है कि हम समझौते पर गहराई से विचार कर रहे हैं."

उन्होंने कहा, "मैं हर पहलू को देखने के लिए एक छोटा पैनल गठित करने का इरादा रखती हूं, जो इस तरह के उलटफेर का विश्लेषण करे और जल्द से जल्द रिपोर्ट दे. हमें स्पष्ट रूप से यह समझने की जरूरत है कि केरल और असम में हम लगातार सरकारों को नापसं किए जाने को भुनाने में क्यों विफल रहे, और पश्चिम बंगाल में हमारा हाथ क्यों पूरी तरह खाली रहा."

बैठक में प्रभारी महासचिव - असम के लिए जितेंद्र सिंह, केरल के लिए तारिक अनवर, तमिलनाडु व पुडुचेरी के लिए दिनेश गुंडूराव और पश्चिम बंगाल के लिए जितिन प्रसाद ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दीं.