दार्जिलिंग से CRPF की टुकड़ी वापस बुलाए जाने की अर्ज़ी पर भड़की ममता, कहा- केंद्र से भीख मांगने की जरूरत नहीं
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग व कालिम्पोंग से सुरक्षा बलों की बाकी चार कंपनियों की वापसी के लिए मंजूरी मांगी।
highlights
- दार्जिलिंग में सीआरपीएफ की टुकड़ी वापस लिए जाने की केंद्र की अपील के बाद भड़कीं ममता
- ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल को केंद्र सरकार से किसी तरह की भीख मांगने की जरूरत नहीं
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से केंद्रीय सुरक्षा बलों की कंपनियों को वापस लिए जाने की हालिया अपील के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है।
ममता ने कहा कि बंगाल को केंद्र से भीख मांगने की जरूरत नहीं है और वह अपने संसाधनों से काम चला लेगा।
बनर्जी ने कहा, 'हमारे पास जो कुछ भी है, हम उसी की मदद से आगे बढ़ेंगे। यह मेरा वादा है आपसे। हमें केंद्र से भीख मांगने की जरूरत नहीं है।'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग व कालिम्पोंग से सुरक्षा बलों की बाकी चार कंपनियों की वापसी के लिए मंजूरी मांगी है।
केंद्र ने इन कंपनियों को चुनावी राज्यों त्रिपुरा, मेघालय व नागालैंड में तैनात करने की बात कही है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वकील वसीम कादरी ने केंद्रीय बलों की वापसी का उल्लेख किया था। इस पर पीठ ने सरकार को एक आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी।
इस मामले की सुनवाई बुधवार को सूचीबद्ध थी, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि दार्जिलिंग में हुई अशांति के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
ममता ने कहा, 'हमारे पास कई ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं कि दार्जिलिंग की प्रसिद्धी ख़त्म हो जाए। इस स्थिति में अगर पर्यटक सिक्किम जाते हैं तो उन्हें फ़ायदा होगा। मगर दार्जिलिंग में अशांति से यहां नुकसान होगा।'
सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा, 'हम लोग सिक्किम को पसंद करते हैं लेकिन कुछ लोग पैसे के बल पर दार्जिंलिंग का माहौल ख़राब कर रहे हैं। अगर हमलोग सिक्किम में सौहार्दपूर्ण माहौल बना रहे हैं तो फिर यहां अशांति क्यों फैला रहे हैं?
शीर्ष अदालत ने 27 नवंबर को सरकार को दार्जिलिंग व कालिम्पोंग से केंद्रीय सुरक्षा बलों की अधिक से अधिक चार कंपनियों को वापस बुलाने की इजाजत दी थी क्योंकि वहां स्थिति सामान्य होने का हवाला दिया गया था।
सरकार ने नवंबर में सुरक्षा बलों की वापसी को उचित ठहराया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इन जिलों में हालात नियंत्रण में है और यातायात व सामानों की आवाजाही सामान्य है। इसके साथ ही सिक्किम के राजमार्ग पर भी स्थिति अनुकूल है।
गोरखा आंदोलन का सामना कर रहे संकटग्रस्त जिलों से सुरक्षा बलों की वापसी के केंद्र के आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रोक दिया था। केंद्र ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
और पढ़ें- राफेल डील मामले में राहुल के आरोप पर सरकार का पलटवार, कहा- जो कांग्रेस ने किया वही हम कर रहे हैं
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