तपस पाल की मौत को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने तृणमूल कांग्रेस नेता और बांग्ला फिल्मों के एक्टर तापस पाल (Tapas Paul) के निधन पर केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में ले लिया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने तृणमूल कांग्रेस नेता और बांग्ला फिल्मों के एक्टर तापस पाल (Tapas Paul) के निधन पर केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में ले लिया है.

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Vikas Kumar
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तपस पाल की मौत को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को घेरा

तपस पाल( Photo Credit : File Photo)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने तृणमूल कांग्रेस नेता और बांग्ला फिल्मों के एक्टर तापस पाल (Tapas Paul) के निधन पर केंद्र सरकार को सवालों के घेरे में ले लिया है. ममता ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पाल पर‘दबाव’ बनाया, जिससे वह डिप्रेशन में थे. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि तापस पाल की मौत के लिए केंद्र सरकार की ‘प्रतिशोध की राजनीति’ जिम्मेदार है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 61 वर्षीय तापस पॉल का मंगलवार को मुंबई के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में निधन हो गया था. डॉक्टरों के मुताबिक, उन्हें कार्डिएक अरेस्ट (दिल का दौरा) आया था. टीएमसी के पूर्व सांसद तापस पाल रोज़ वैल चिटफंड घोटाला मामले में आरोपी थे. करीब एक साल तक उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था.

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ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में तापस पॉल को श्रद्धांजलि देते हुए केंद्र सरकार पर ये आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के एक और नेता सुल्तान अहमद की मौत भी दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. बंगाल की सीएम के अनुसार, सुल्तान अहमद 2017 नरादा टैप्स घोटाला मामले में आरोपी बताए जाने के बाद से तनाव में थे.

रबिंद्र सदन में ममता ने पत्रकारों से कहा, ‘तापस पॉल पर केंद्रीय एजेंसियों का गहरा दबाव था और वह केंद्र की बदले की राजनीति के शिकार हुए. बता दें कि तापस पाल का पार्थिव शरीर रबिंद्र सदन में रखा गया है, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सके.

सीबीआई ने 2016 में रोज़ वैली चिटफंड मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी। इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों और सक्रिय राजनीति दोनों से दूरी बना ली थी। उन्होंने ‘साहेब’ (1981), ‘परबत प्रिया’ (1984), ‘भालोबाशा भालोबाशा’ (1985), ‘अनुरागर चोयन’ (1986) और ‘अमर बंधन’ (1986) जैसी कई हिट फिल्में दी। फिल्म ‘साहेब’ (1981) के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर’ पुरस्कार भी मिला था। बॉलीवुड में उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत 1984 में फिल्म ‘अबोध’ से की थी।

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तृणमूल कांग्रेस से पॉल 2000 में जुड़े थे और 2001 में अलीपुर से विधायक चुने गए। रोज वैली चिटफंड घोटाले में 2016 में गिरफ्तार होने के बाद उनके परिवार के कई सदस्यों ने पार्टी पर उन्हें नजअंदाज करने का आरोप भी लगाया। 2018 में जेल से छूटने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गए थे और उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।

Source : News Nation Bureau

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