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नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा( Photo Credit : Social Media)
Hathras stampede Case: हाथरस कांड के बाद से बाबा नारायण साकार हरि के बारे में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. बाबा का एक आश्रम राजस्थान के अलवर जिले में भी है. ये आश्रम सहजपुरा गांव में है, जहां के लोगों ने बाबा के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. गांववालों का दावा है कि बाबा अलवर के आश्रम में जब आते थे तो उनकी गाड़ी में 17 से 18 साल की लड़कियां साथ होती थीं. ये लड़कियां लाल कपड़े में सजी-धजी होती थीं. अलवर के सहजपुरा निवासी राजेंद्र शर्मा ने बताया, 'इसके (भोले बाबा) साथ में गाड़ी में 17-18 साल की सजी धजी लड़कियां रहती थीं. आश्रम में उन्हीं का प्रवेश था, अंदर क्या होता था पता नहीं.'
'बाबा खुद को कृष्ण भगवान मानता था...'
सहजपुरा के लोगों का दावा है कि बाबा खुद को कृष्ण भगवान मानता था और लड़कियों को गोपियां. गांव के लोगों ने कहा कि बाबा लड़कियों के साथ ही आश्रम में जाते थे, लेकिन गांव के लोगों को आश्रम में घुसने की इजाजत नहीं थी. कहा जा रहा है कि लड़कियों को आश्रम में बिना रोकटोक के प्रवेश की इजाजत थी. राजेंद्र शर्मा आगे बताते हैं कि 'गन मैन रहते थे. कभी किसी ने देखने की कोशिश जाने नहीं देते थे. बाबा के कमरे में जाने की इजाजत नहीं थी.'
महिलाओं को बुरी तरह पीटते थे सेवादार
सहजपुरा के लोगों ने नारायण साकर हरि पर कई बड़े आरोप लगाए हैं. उनमें से एक ये भी है कि बाबा के सेवादारों में अधिकतर महिलाएं होती थीं और आश्रम में सेवादार महिलाओं को बुरी तरह पीटते थे. इससे पहले पूर्व सेवादार रंजीत सिंह ने भी आरोप लगाया था कि बाबा का आश्रम भी संदिग्ध गतिविधियों का सबसे बड़ा केंद्र था. जहां नशा, खून और लड़कियों का इस्तेमाल होता रहा है. पूर्व सेवादार रंजीत सिंह का कहना है कि 'इसके पास 16-17 साल की लड़कियां रहती हैं, जो इसे बॉडी मसाज देती हैं. ये सिगरेट-शराब नशे का बहुत आदी बाबा है. ये बाबा नहीं एक पाखंडी-ढोंगी बाबा है.'
बाबा ने महिला भक्तों का किया ब्रेनवॉश
हाथरस हादसे के बाद भी महिलाएं अब भी नारायण हरि को भगवान मानती हैं. महिला भक्तों का इस हद तक ब्रेन वॉश किया गया है कि वो बाबा को ही अपना सबकुछ मानती हैं. महिलाएं कह रही हैं कि नारायण हरि न सिर्फ उनके परमात्मा है बल्कि उनकी आत्मा के पति भी हैं. सिर्फ बाबा ही खुद को कृष्ण या विष्णु का अवतार नहीं मानते. उनकी महिला भक्त भी कभी कृष्ण रूप में, तो कभी किसी और रूप में उनके दर्शन का दावा करती हैं.
बाबा नारायण हरि को लेकर जो खुलासे हो रहे हैं. उनमें कितनी सच्चाई है ये कहा नहीं जा सकता, लेकिन इन्हें नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि दावे करने वाले वो लोग हैं जो कभी बाबा की भक्ति किया करते थे या फिर बाबा के आश्रम में जाया-आया करते थे.
Source : News Nation Bureau