उत्तर भारत में भी अब मौसम पलट चुका है. लोग मानसून का इंतजार कर रहे थे. अब भारी बारिश हो रही है. हाल के दिनों में उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत में भारी बारिश हुई. मौसम विभाग का कहना है कि मानसून की हाल में हुई बरसात से बारिश की कमी की भरपाई हो गई है. 30 जून को जहां भारत में 11 प्रतिशत बारिश की कमी थी तो वहीं गुरुवार को मात्र 3 प्रतिशत ही कमी रह गई है. दो दिन पहले विभाग ने बताया था कि इस बार मानसून ने 6 दिन पहले ही देश भर में दस्तक दे दी है.
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ऐसी है बारिश की स्थिति
आईएमडी ने आज बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में 30 जून को बारिश में 33 प्रतिशत कमी थी पर अब कमी घटकर 14 प्रतिशत पर आ गई है. मध्य भारत की बारिश में 14 प्रतिशत की कमी थी पर अब 4 फीसद कमी ही रह गई है. हालांकि, दक्षिण भारत में 13 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज हुई थी. विभाग ने बताया कि भारत के 24 प्रतिशत उपमंडलीय क्षेत्रों में भारी बारिश दर्ज की गई है. वहीं, 45 प्रतिशत उप मंडलीय क्षेत्रों में सामान्य बरसात दर्ज की गई है. 31 प्रतिशत क्षेत्रों में कम बारिश दर्ज की गई. आईएमडी का कहना है कि फरवरी, मार्चस अप्रैल और मई में 190.6 मिलिमीटर बारिश हुई थी. यह सामान्य से कुछ ही कम था. जून के आखिर में 11 प्रतिशत बारिश हुई. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा का कहना है कि मानसून की हवाओं 10 से 18 जून तक थोड़ा-थोड़ा असर दिखाने लगी थी. यह 26-27 जून तक चला. इसके बाद मूसलाधार बरसात शुरू हो गई.
बाढ़ से प्रभावित पूर्वी भारत
मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर-पूर्व और पूर्वी भारत में अगले 4-5 दिन भारी बारिश हो सकती है. पूर्वी राज्यों में अधिक बारिश की आशंका जताई गई है. पूर्वी भारत बाढ़ से पीड़ित. अकेले असम में बाढ़ से 16.5 लाख लोग प्रभावित हैं. मिजोरम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश की नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशाना से ऊपर बह रहीं हैं.
Source : News Nation Bureau