Weather Update: क्यों फरवरी में IMD जारी कर रहा लू चलने का अलर्ट, 3 कारण जो बढ़ा रहे पारा

राजधानी सहित देशभर में गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है. फरवरी माह में ही पारा लगातार तेजी पकड़ रहा है. हालात ये हैं कि इस माह गर्म लू चलने जैसे हालात बन चुके हैं.

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Mohit Saxena
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Weather Forecast( Photo Credit : social media)

राजधानी सहित देशभर में गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है. फरवरी माह में ही पारा लगातार तेजी पकड़ रहा है. हालात ये हैं कि इस माह गर्म लू चलने जैसे हालात बन चुके हैं. इस माह तापमान लगातार 30​​ डिग्री सेल्सियस से अधिक बना हुआ है. वहीं राजस्थान और गुजरात के कई भागों में फरवरी में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मार्च भी गर्म रहने वाला है. इस बार पहाड़ों पर बर्फबारी कम हुई है. ऐसे में मैदानी इलाकों में गर्मी ज्यादा रहने का अनुमान है. फरवरी माह में होने वाली बारिश के भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं. पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवा को भी पश्चिमी विक्षोभ ने रोक रखा है. ये हवाएं उत्तर भारत में नहीं पहुंच रही हैं.   

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मौसम विभाग की मानें तो आने वाले समय गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं हैं. मार्च के माह में ज्यादा गर्मी होने के कारण फसलों को नुकसान होगा. खासकर सरसों और गेहूं की फसलों की उपज में कमी देखने को मिलेगी. हालांकि पूर्वानुमान के तहत कुछ कहना निश्चित नहीं है, मगर फरवरी और मार्च का माह गरम रहने वाला है. 

 

फरवरी माह में गर्मी के तीन कारण 

1. पश्चिमी विक्षोभ पड़ा कमजोर: जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ काफी ताकतवर स्थिति में था. इस कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी देखने को मिली. फरवरी के आने तक पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ता है. पश्चिमी विक्षोभ भूमध्यसागरीय क्षेत्र में तैयार होने वाला एक तूफान है. इसके कारण देश में जनवरी और फरवरी के मौसम में बारिश दिखाई देती है. मौसम विभाग के अनुसार, इस बार हल्के पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश और हिमपात नहीं हो सका. इस कारण देश के उत्तरी क्षेत्र में ठंडी हवा नहीं पहुंच पा रहीं. 

2. एंटी साइक्लोन बना कारण: मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, एंटी साइक्लोन की वजह गर्मी अपना तेवर फरवरी में दिखाने लगी है. बताया जा हा है कि गुजरात के ऊपर एंटी साइक्लोन मूवमेंट पैदा हो रहा है. इस वजह से आसमान साफ है.  बारिश न होने की वजह से तापमान में इजाफा होगा.

3.पछुआ जेट का असर: पछुआ जेट स्ट्रीम ठंडी हवा जो सतह की ओर धकेलती है, जिससे सतह पर एक उच्च दबाव बनता है. इस उच्च दाब क्षेत्र (भारत के उत्तर पश्चिमी भाग) से शुष्क हवाएं निम्न दाब क्षेत्र (बंगाल की खाड़ी) की ओर बहने लगती हैं. फरवरी में ही तापमान बढ़ना पछुआ जेट का प्रभावी होना है. पछुआ जेट गर्म हवाओं को प्रभावित कर रही है. 

तापमान में 1-2 डिग्री की गिरावट होगी

आईएमडी (India Meteorological Department) के वैज्ञानिक नरेश कुमार का कहना है कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जो पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है. कल यानि बुधवार से, इस बात की थोड़ी संभावना है कि उत्तर पश्चिम भारत में तापमान में 1-2 डिग्री की गिरावट होगी. दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 31-33 डिग्री के बीच रहने की उम्मीद है. 

बारिश और बर्फबारी कम होने का अनुमान

पश्चिमी विक्षोभ फरवरी के अंत तक रहने की उम्मीद है. मगर बारिश और बर्फबारी कम होने का अनुमान है. एल नीनो (El Nino) भी प्रभाव रहने वाला है. आशंका है कि इस बार मानसून कमजोर रहने वाला है. गुजरात और राजस्थान समेत मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भीषण गर्मी का अनुमान है. पहाड़ों पर भी तापमान सामान्य नहीं रहने वाला है.

 

HIGHLIGHTS

  • आने वाले समय गर्मी से राहत मिलने के आसार नहीं
  • मार्च के माह में ज्यादा गर्मी होने के कारण फसलों को नुकसान होगा.
  • दिल्ली-एनसीआर में अधिकतम तापमान 31-33 डिग्री
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