सरकार ने रविवार को यू-टर्न लेते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों पर लॉक डाउन (Lock Down) अवधि के दौरान उनके मंच के जरिये गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री से रोक लगा दी. सरकार ने चार दिन पहले ही इन कंपनियों को मोबाइल फोन, रेफ्रिजरेटर और सिलेसिलाए परिधान जैसे गरै-जरूरी सामान की बिक्री करने की अनुमति दी थी, लेकिन अब इसे वापस ले लिया. उल्लेखनीय है कि राष्ट्रव्यापी बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ा दी गई है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने आदेश जारी किया जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों के सामानों की ढुलाई से गैर-जरूरी सामान को हटा दिया गया है. इसमें समेकित संशोधित दिशानिर्देशों से ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर- जरूरी उत्पादों की बिक्री को हटा दिया गया है.
इससे पहले 15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-जरूरी सामान की बिक्री की अनुमति दी गई थी. यह पूछे जाने पर कि सरकार ने इस मामले में यू-टर्न क्यों लिया, गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड -19 (COVID-19) में स्थिति तेजी से बदलती है. ऐसे में सरकार को प्रतिदिन के हिसाब से निर्णय लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब सरकार को लगा कि लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिये गैर-जरूरी सामान की बिक्री करने की अनुमति से इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित नहीं हो पाएगा, तो इस फैसले की समीक्षा की गई और इसे पलट दिया गया.
20 अप्रैल से मिल सकेंगे ये सामान
ई-कॉमर्स कंपनियों को हालांकि, खाद्य उत्पाद, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसे आवश्यक सामानों को बेचने की अनुमति होगी. इससे पिछले आदेश में कहा गया था, ‘आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमति होगी. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला में सभी सुविधाएं... उनके विनिर्माण, थोक या खुदरा व्यापार, मोहल्ले की दुकानों और ई-कॉमर्स कंपनियों को परिचालन की अनुमति होगी. उन्हें कड़ाई से सामाजिक दूरी का पालन करना होगा. हालांकि, इकाइयों को खोलने या बंद करने के समय पर कोई अंकुश नही होगा.’ इसके एक दिन बाद गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियों से इलेक्ट्रॉनिक सामान मसलन मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, लैपटॉप-कंप्यूटर, सिलेसिलाए परिधान, स्कूली बच्चों का स्टेशनरी का सामान खरीदा जा सकेगा.
गैर जरूरी सामानों की आपूर्ति पर रहेगी रोक
इसके बाद कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों ने आनलाइन आर्डर लेने शुरू कर दिए थे. इस आदेश को पलटने की वजह तत्काल पता नहीं चल पाई है. लेकिन कहा जा रहा है कि खुदरा व्यापारियों ने उन्हें भी गैर- जरूरी सामान की बिक्री शुरु करने की अनुमति देने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. गृह सचिव ने रविवार को बाद में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस मामले में स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने पत्र में कहा है, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर-जरूरी सामान की आपूर्ति की अनुमति नहीं होगी. उन्हें पहले की तरह आवश्यक वस्तुओं की ही आपूर्ति की अनुमति होगी.’
खुदरा व्यापारियों को दी जाए राहत
भल्ला ने मुख्य सचिवों से आग्रह किया है कि इस स्पष्टीकरण की जानकारी सभी फील्ड एजेंसियों को दे दी जाए और आम जनता को भी इससे अवगत कराया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों ने इस बारे में जो दिशानिर्देश और आदेश जारी किए है, गृह मंत्रालय के नए आदेश के अनुरूप उनमें उपुयक्त संशोधन किया जाए. इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार को सरकार पर लॉकडाउन के दौरान देश के खुदरा व्यापारियों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने आवश्यक सेवाओं से जुड़े गृह मंत्रालय के एक आदेश का हवाला देते हुए यह दावा किया था कि ई-कॉमर्स द्वारा गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री करने पर रोक नहीं लगाई गई है, यह आम खुदरा व्यापारियों के हितों के खिलाफ है.
राजमार्गों के ढाबे भी खोलने के आदेश
इसके अलावा सरकार ने 20 अप्रैल से सभी ट्रकों और ढुलाई वाहनों के परिचालन की अनुमति भी दी है. इसके लिए ट्रक ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस होना चाहिए. एक ट्रक को दो ड्राइवरों और एक हेल्पर के साथ परिचालन की अनुमति होगी. माल को उतारने के बाद खाली ट्रक के परिचालन की भी अनुमति होगी. ट्रकों की मरम्मत की दुकानों और राजमार्गों पर ढाबों को भी खोलने की अनुमति दी गई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सबसे पहले 25 मार्च से 21 दिन के लिये लॉकडाउन की घोषणा की थी. यह अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होनी थी जिसे इसी दिन तीन मई तक के लिये बढ़ा दिया गया. हालांकि, इस दौरान 20 अप्रैल से देश के चिन्हित क्षेत्रों में चुनींदा कारोबारी गतिविधियां शुरू करने की अनुमति भी दी गई.
Source : News Nation Bureau