हमें पूरी ईमानदारी से अपनी परंपराओं और लाइफस्टाइल को स्वीकार करना चाहिए : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें इस अभिमान को छोड़ना होगा कि हम अनुसूचित जनजाति पिछड़े हैं.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
हमें पूरी ईमानदारी से अपनी परंपराओं और लाइफस्टाइल को स्वीकार करना चाहिए : वेंकैया नायडू

उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू (ANI)

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें इस अभिमान को छोड़ना होगा कि हम अनुसूचित जनजाति पिछड़े हैं. हमें पूरी ईमानदारी से अपनी परंपराओं और लाइफस्टाइल को स्वीकार करना चाहिए. यह भी सिर्फ हमारे सामाजिक शिष्टाचार के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि ये हमारे संविधान के दायित्व और जिम्मेदारी के लिए आवश्यक है. 

Advertisment

यह भी पढ़ें ः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब रोड गलियारे की रखी आधारशिला

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें आदिवासी समुदाय की पर्यावरण के अनुकूल, पारंपरिक जीवन शैली और तकनीक से कुछ सीख लेनी चाहिए. जैसे हम सतत् विकास के लिए एक स्ट्रेटजी बनाते हैं वैसे ही हम आदिवासी समुदाय से भी सीख सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि अनुसूचित जनजाति को पूरी ईमानदारी से अपनी परंपराओं को अपना चाहिए. ये भारतीय संविधान के लिए बहुत जरूरी है. उपराष्ट्रपति ने कहा उन्हें यह अभिमान छोड़ देना चाहिए कि हम अनुसूचित जनजाति पिछड़े हैं.

Source : News Nation Bureau

backward accept vice president Vankaiah Naidu honour vankaiah Naidu tradition
      
Advertisment