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गोरक्षकों की हिंसा पर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हम हिंसा के खिलाफ

कथित गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं।

Updated on: 21 Jul 2017, 03:06 PM

नई दिल्ली:

कथित गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ हैं।

सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए.एम. खानविलकर और जस्टिस एम. शांतनागौदर की पीठ से कहा, 'हम गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा का समर्थन नहीं करते।'

सरकार ने कहा ये राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वो राज्य में कानून-व्यवस्था कायम रखे।

आपको बता दें की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा को लेकर राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद गुजरात, झारखंड, और कर्नाटक ने जवाब दाखिल किया है। गुजरात ने जवाब में कहा है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है।

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बाकी राज्य सरकारों को जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते का वक्त दिया है। अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी।

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सुप्रीम कोर्ट पुणे के कार्यकर्ता तहसीन एस. पूनावाला की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें याचिकाकर्ता ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा और यहां तक कि लोगों की हत्या कर दिए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है।