जयललिता मौत मामला: अपोलो ने किया अपना बचाव, कहा-इलाज में नहीं छोड़ी कोई कमी
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
चेन्नई:
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जयललिता के भतीजे के जांच समिति के सामने पेश होने के दो दिन बाद अपोलो अस्पताल के फाउंडर ने शनिवार को कहा कि पूर्व सीएम को बचाने के लिए उनके डॉक्टर्स ने अपनी पूरी कोशिश की।
अपोलो अस्पताल के फाउंडर और चेयरमेन डॉ. प्रताप सी रेड्डी ने कहा, 'इस पर जांच जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री को अस्पताल में गंभीर हालत में लाया गया था। जिसमें कुछ सुधार भी दिखा लेकिन लेकिन बीमारी का पैटर्न ऐसा था और तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम के कारण वह निधन हो गया। हमारे डॉक्टर्स उन्हे बचाने की अपनी तरफ से पूरी कोशिश की।'
जयललिता, जो राज्य में 'अम्मा' कही जाती थी, को 22 सितबंर को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 75 दिन बाद 5 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी।
तमिलनाडु के वन मंत्रालय के मंत्री डिंडीगुल श्रीनिवासन ने खुलासा किया था कि राज्य के सभी मंत्रियों ने एआईएडीएमके के महासचिव के अस्पताल में भर्ती और मौत के बारे में लोगों से झूठ बोला था और कहा था कि केवल पूर्व विश्वासपात्र वीके शशिकला और उनके परिवार के लोग ही बीमार जयललिता से मिलते थे।
जिसके बाद 30 अक्टूबर को इस मामले की तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट के जज ए अरुमुगासामी को सौंपी।
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