हम मेट्रो में यात्रा करना शान के खिलाफ समझते हैं : शीर्ष अदालत ने की तीखी टिप्पणी
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में तिपहिया वाहन और टैक्सियां सीएनजी पर चलती हैं जो पेट्रोल तथा डीजल के मुकाबले ज्यादा स्वच्छ ईंधन हैं.
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में तिपहिया वाहन और टैक्सियां सीएनजी पर चलती हैं जो पेट्रोल तथा डीजल के मुकाबले ज्यादा स्वच्छ ईंधन हैं.
पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए कि पूर्व में जब इस योजना को लागू किया गया था तो उस समय प्रदूषण के स्तर पर आंकड़ों को वह आठ नवंबर को उसके समक्ष पेश करें.
उसने दिल्ली सरकार को ऐसे आंकड़ों को भी पेश करने के निर्देश दिए जिसमें पूर्व में लागू की गई सम-विषय योजना के दौरान चारपहिया वाहनों को सड़कों पर चलने से रोककर प्रदूषण के स्तर में आए फर्क का पता चल सके.
यह भी पढ़ें-RCEP में PM मोदी का मास्टर स्ट्रोक, कहा- अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत
न्यायालय ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा, ‘‘ऑटो और टैक्सी सम-विषम योजना के दौरान अधिक चलेंगे. वे प्रदूषण फैलाएंगे. आप कारों को क्यों रोक रहे हैं जो कम प्रदूषण करती हैं?’’ पीठ ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि क्या वाकई उसे लगता है कि लोग सम-विषम योजना के दौरान अन्य लोगों के साथ साझा तौर पर सफर करना शुरू करेंगे.
पीठ ने कहा, ‘‘डीजल वाहनों पर रोक लगाना ठीक है लेकिन इस सम-विषम का क्या औचित्य है. मुद्दा यह है कि आप एक वाहन को रोक रहे हैं लेकिन अन्य वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं. आपको सार्वजनिक परिवहन बढ़ाना होगा. आपके पास मेट्रो के लिए निधि नहीं है. आप इसके लिए योगदान नहीं दे रहे हैं.’’
यह भी पढ़ें-दिल्ली में Odd Even नहीं मानने वाले 192 लोगों का अब तक कटा चालान
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, ‘‘तीन साल पहले जब मैं उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बना था तो कहा गया कि सार्वजनिक परिवहन में 3,000 बसें लायी जाएंगी. अभी तक केवल 300 बसें लायी गयी.’’ उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘हमारी मानसिकता देखिए. हम मेट्रो में नहीं जाना चाहते. हमारी कुछ अजीब धारणा है कि मेट्रो में यात्रा करना हमारी शान के खिलाफ है. कोई भी मेट्रो में एयरपोर्ट नहीं जाना चाहता.’’
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
TMKOC के को-स्टार समय शाह को याद आई सोढ़ी की आखिरी बातचीत, डिप्रेशन की खबरों पर तोड़ी चुप्पी
-
The Lion King Prequel Trailer: डिज़्नी ने किया सिम्बा के पिता मुफासा की जर्नी का ऐलान, द लायन किंग प्रीक्वल का ट्रेलर लॉन्च
-
Priyanka Chopra: शूटिंग के बीच में प्रियंका चोपड़ा नेशेयर कर दी ऐसी सेल्फी, हो गई वायरल
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें
दिल्ली सरकार ने सोमवार को वाहनों की सम-विषम योजना लागू होने के कुछ घंटों के भीतर उच्चतम न्यायालय से इस पर तीखे सवालों का सामना किया कि उसने उन कारों को सड़कों पर दौड़ने से क्यों रोक दिया जो दुपहिया तथा तिपहिया वाहनों तथा टैक्सियों के मुकाबले कम प्रदूषण फैला रही हैं. दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के प्रदूषण के मामले की सुनवायी कर रहे उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार से पूछा कि वह इस योजना से क्या हासिल कर रही है. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि दुपहिया, तिपहिया और टैक्सियां सम-विषय योजना के दौरान सड़कों पर ज्यादा चलेंगी जबकि खासतौर से पेट्रोल से चलने वाली कारों से होने वाले प्रदूषण का उत्सर्जन टैक्सियों और ऑटो रिक्शा के मुकाबले कम है.