प्रयागराज से दिल्ली तक जलमार्ग के लिये परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और अगर सबकुछ ठीक रहा तो लोग जल्द ही प्रयागराज से दिल्ली नाव पर बैठकर जा सकेंगे. गंगा संरक्षण मंत्री गडकरी ने गंगा और यमुना में चार रीवरपोर्ट, फरक्का से पटना तक नदी सूचना प्रणाली और गंगा नदी में हिलसा मछली के सुगम आवागमन के लिए फरक्का में नैविगेशन लॉक की नई व्यवस्था का उद्घाटन करने के बाद यह जानकारी दी.
सड़क परिवहन, राजमार्ग, जल संसाधन, पोत परिवहन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री ने कहा, 'दिल्ली से प्रयागराज तक जलमार्ग के लिए डीपीआर हमने तैयार कर ली है. जल्द ही अगर प्रयागराज से दिल्ली जाना होगा, यहां के लोग नाव पर बैठकर दिल्ली जाएंगे.'
प्रयागराज में लकड़ी से बनी पुरानी नावों के चलन पर गडकरी ने कहा, 'मैंने यहां जो नावें देखीं, वे पुरानी हो चुकी हैं. जहाजरानी निर्माण के लिए मंत्रालय सब्सिडी देता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के फाइबर ग्लास से नाव बनाने की यहां संभावना है. आप (राज्य सरकार) जगह निश्चित करें और प्रस्ताव भेजें जिससे जहाजरानी निर्माण का कारखाना लगाया जा सके.'
उन्होंने कहा, 'इससे हमारे मछुआरा समुदाय के लिए और हमारे लोगों के पर्यटन के लिए भी एक नया अवसर उपलब्ध होगा. फाइबर ग्लास से बनी नावों को चलाने के लिए एथनॉल से चलने वाले इंजन भी हम ला रहे हैं.'
गंगा की निर्मलता और अविरलता पर गडकरी ने कहा, 'मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि अगले साल मार्च तक गंगा अविरल भी होगा और निर्मल भी होगा.'
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मंत्री ने कहा, 'वाराणसी से प्रयागराज तक एक मीटर की गहराई सुनिश्चित करने का काम कर रहे हैं. हम विशेष प्रौद्योगिकी लेकर आ रहे हैं जिसमें क्रूज जहाज का परिचालन आसान होगा.. जिसमें इंजन टोयोटा कंपनी का होगा, पंखे हवाई जहाज के होंगे और एयर बोट रूस से लाई है. यह 28 फरवरी तक हिंदुस्तान में पहुंच जाएगी....'
Source : News Nation Bureau