जल संरक्षण के लिए रेलवे ने की नई पहल, रोजाना 6 लाख लीटर पानी को इस तरह कर रहा है साफ

ये 6 लाख लीटर पानी वो है जो ट्रेन धोने के लिए इस्तेमाल होता है. जानकारी के मुताबिक ट्रेन को धोने वाले पानी को साफ कर फिर उसी पानी को ट्रेन को धोने में इस्तेमाल किया जाता है

ये 6 लाख लीटर पानी वो है जो ट्रेन धोने के लिए इस्तेमाल होता है. जानकारी के मुताबिक ट्रेन को धोने वाले पानी को साफ कर फिर उसी पानी को ट्रेन को धोने में इस्तेमाल किया जाता है

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Aditi Sharma
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जल संरक्षण के लिए रेलवे ने की नई पहल, रोजाना 6 लाख लीटर पानी को इस तरह कर रहा है साफ

पिछले दिनों देशभर के कई राज्यों में जल सकंट की खबर सामने आई थी. इन खबरों को देखते हुए अब रेलवे ने पानी को बचाने के लिए एक ऩई पहल शुरू की है. इस पहल से रेलवे हर रोज 6 लाख लीटर पानी बचा रहा है. दरअसल रेलवे ने एक ऐसा प्लांट बनाया है जो हर रोज करीब 6 लाख लीटर गंदे पानी को साफ कर उसे इस्तेमाल करने योग्य बनाता है. ये 6 लाख लीटर पानी वो है जो ट्रेन धोने के लिए इस्तेमाल होता है. जानकारी के मुताबिक ट्रेन को धोने वाले पानी को साफ कर फिर उसी पानी को ट्रेन को धोने में इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इस पानी को हॉर्टिकल्चर के लए भी इस्तेमाल किया जाता है.

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ये मेगा प्लांट उत्तरी रेलवे ने बनाया है. बताया जा रहा है कि अगर इस पानी को अल्ट्रा फिल्टर किय़ा जाए तो ये पीन पीने योग्य भी बन सकता है. बता दें, जल संकट पर नीति आयोग की एक रिपोर्ट भी आई थी जिसमें कहा गया था कि अगर जल संरक्षण के लिए कुछ कदम नहीं उठाए गए तो अगले दो सालों में कई जिलों में बूजल पूरी तरह सूख जाएगा. इस रिपोर्ट में सलाह दी गई थी पानी को बर्बाद होने से रोकने के साथ-साथ इसे बार-बार साफ कर इस्तेमाल भी कराना होगा, तभी जल संकट से देश को उबारा जा सकेगा.

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खबरों के मुताबिक उत्तरी रेलवे का ये प्लांट शुकूरपुर रेलवे स्टेशन के पास लगाया गया है. बताया जा रहा है कि इस प्लांट की क्षमता 6 लाख लीटर है और हर दिन इसमें साफ होने वाला पानी 10 फीसदी कम होता जाता है. ये प्लांट भारत में ही तैयार किया गया है. इस प्लांट में गंदे पानी को साफ करने के लिए पहले गंदे पानी को एक कुए में इकट्ठा किया जाता है और छोटी-छोटी गंदगी को अलग किया जाता है. फिर इसे Aeration Tank में भेजा जाता है जिससे साफ पानी और डाइजेस्टेड वेस्ट अलग-अलग हो जाता है. 

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