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Dr. Deepak Dhankhar( Photo Credit : News Nation)
भारत की सबसे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति की बात करें तो आयुर्वेद की मदद से कई गंभीर बीमारियों का ईलाज और रोकथाम दोनों किया जा सकता है. वर्तमान समय में लाखों लोग इसको अपनाकर गंभीर से गंभीर बीमारी से छुटकारा पा रहे हैं. असल में आयुर्वेद उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है जिनकी बीमारी ठीक नहीं हो रही है और ईलाज करवा कर थक चुके हैं. इन सब के लिए हमारा बिगड़ता लाइफस्टाइल है जो लोगों के जीवन पर काफी तेजी से असर दिखा रहा है. इसकी वजह से लोगों को हाई बीपी, शुगर और किडनी जैसी बीमारियां हो रही हैं.
लोगों की इस समस्या पर डॉ. दीपक धनखड़ ने जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि लोगों की खराब जीवनशैली की वजह से कई तरह की बीमारियों हो रही हैं. डॉ. दीपक धनखड़ ने कहा कि अगर कोई भी शख्स सही समय पर अच्छे डॉक्टर से ईलाज करवाता है तो काफी हद तक किडनी को बचाया जा सकता है. इस संबंध में दो मरीज व्रन्दावन मोंडल और उनके बेटे अविजित मोंडल जो उकिलपारा, पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं. उनका कहना है कि वो किडनी की डायलिसिस करवाते थे. जिसका क्रिएटिनिन लेवल 6 mg/dl व यूरिया लेवल 200 mg/dl के पहुंच गया था. 12 अगस्त 2023 को डायलिसिस करवा कर घर जा रहे थे उसी दौरान डॉ. दीपक धनखड़ के बारे में जानकरी मिली. इसके बाद उन्होंने ट्रीटमेंट शुरु कर दी. इसका फायदा बहुत ही जल्द दिखाई देने लगा. 23 अक्टूबर 2023 को जांच के बाद क्रिएटिनिन लेवल मात्र 4.3 mg/dl था वो भी बिना डायलिसिस के.
मरीज व्रन्दावन मोंडल के मुताबिक अब उनको डायलिसिस करवाए लगभग 5 महीने बीत चुके हैं इसके बाद भी पोटैशियम और फास्फोरस का लेवल भी पूरी तरह से कंट्रोल में है. उसने आगे बताया कि इस इलाज से पहले उसको भूख कम लगती थी , श्वास लेने में काफी परेशानी, कमजोर लगना लेकिन अब उसको इन सभी समस्याओं में लाभ हुआ है और ये सब डॉ दीपक धनखड़ की आयुर्वेदिक दवाईंयों का उनपर असर हुआ.
इस मामले पर डॉ दीपक धनखड़ ने बताया कि व्रन्दावन मोंडल की इस चमत्कारी रिकवरी का कारण उनका समय से दवाई लेना और सही रूप से डाइट चार्ट को फॉलो करना है. डॉ दीपक धनखड़ ने बताया है कि उन्होंने मरीज का एक वीडियो भी बनाया है जिसे सोशल मीडिया पर अब तक दस लाख ( 1 मिलियन ) से अधिक लोग देख चुके है.
Source : News Nation Bureau