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तो क्या इसलिए CIA ने करवाई परमाणु वैज्ञानिक भाभा की हत्या!

देश के महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा 1966 में एयर इंडिया के जिस बोइंग विमान में सवार थे उसका फ्रेंच ऐल्प्स के मॉन्ट ब्ला में क्रैश हो गया था।

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kunal kaushal
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तो क्या इसलिए CIA ने करवाई परमाणु वैज्ञानिक भाभा की हत्या!

देश के महान वैज्ञानिक भाभा की मौत 1966 में प्लेन क्रैश में हो गई थी (फाइल फोटो)

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क्या भारत के परमाणु कार्यक्रमों के जनक माने जाने वाले देश के महान वैज्ञानिकों में से एक होमी जहांगीर भाभा के प्लेन क्रैश में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA का हाथ था।

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि क्योंकि एक न्यूज वेबसाइट ने कथित तौर पर अपनी रिपोर्ट में इस बात के संकेत दिए हैं कि भाभा के प्लैन क्रैश में सीआईए शामिल था।

देश के महान वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा 1966 में एयर इंडिया के जिस बोइंग विमान में सवार थे उसका फ्रेंच ऐल्प्स के मो ब्लां में क्रैश हो गया था। इसमें भाभा सहित 165 लोगों की जान चली गई थी। मॉन्ट ब्लॉ में लोगों के शवों के अवशेष भी मिले थे। भाभा उस विमान से एक परमाणु कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वियना जा रहे थे। 

TBRNEWS.ORG नाम की वेबसाइट के दावों के मुताबिक 11 जुलाई 2008 को एक पत्रकार ग्रेगरी डगलस ऍऔर सीआईए के अधिकारी रहे रॉबर्ट टी क्राओली के बीच इसको लेकर बातचीत हुई थी जिसको इस वेबसाइट ने सार्वजनिक किया है।

पत्रकार और सीआईए अधिकार के बीच हो रही बातचीत में भाभा का जिक्र करते हुए कहा जा रहा है कि, आप जानते हैं उस वक्त हम काफी मुश्किल में थे क्योंकि 1960 के दशक में भारत परमाणु बम बनाने पर उतारू हो गया था और इसमें उसकी मदद रूस कर रहा था'

आगे उस अधिकारी ने कहा, 'मुझ पर भरोसा करो वो ( भाभा) खतरनाक थे। उनके साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। वो परमाणु को लेकर और परेशानी बढ़ाने के लिए वियना जा रहे थे कि तभी बोइंग 707 विमान के कार्गो में रखे बम से धमाका हो गया।'

गौरतलब है कि अक्टूबर 1965 में वैज्ञानिक भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो पर घोषणा की थी कि अगर उन्हें छूट मिले तो भारत सिर्फ 18 महीने में परमाणु बम बनाकर दिखा सकता है।

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विशेषज्ञ ने कहा भाभा ये मानते थे कि अगर भारत को इस पूरे क्षेत्र में बड़ी शक्ति बनकर उभरना है तो उसे परमाणु कार्यक्रम लॉन्च करना पड़ेगा।

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इस परमाणु कार्यक्रम का मकसद क्षेत्र में शांति के साथ ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना, खेती और चिकित्सा के क्षेत्र में काम करना था लेकिन इसके पीछे उनका एक छिपा हुआ एजेंडा परमाणु बम बनाकर देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी था।

वैज्ञानिक भाभा का ये सपना तब पूरा हुआ जब भारत ने 18 मई 1974 को पोखरण में पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण कर लिया। इस बम का कोड रखा गया था स्माइलिंग बुद्धा।

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HIGHLIGHTS

  • क्या वैज्ञानिक भाभा की मौत में था CIA का हाथ। वेबसाइट का दावा
  • साल 1966 में भाभा की मौत एयर इंडिया के प्लैन क्रैश में हो गई थी।
  • भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं भाभा

Source : News Nation Bureau

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