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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
न्यायपालिका और सरकार के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर टकराव की स्थिति बनती दिख रही है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के बयान के बाद सरकार और न्यायपालिका के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
प्रसाद ने कहा कि अदालत सरकार के फैसले को खारिज कर सकता है लेकिन गवर्नेंस का अधिकार चुनी हुई सरकार के पास ही रहना चाहिए। प्रसाद ने कहा, 'आपातकाल के दौरान हाई कोर्ट ने जबरदस्त साहस दिखाया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हमें निऱाश किया।'
During #Emergency, all high courts showed great courage & determination but Supreme Court failed us: Law Minister @rsprasad. pic.twitter.com/09EJPnOmTE
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2016
चीफ जस्टिस ने कहा था कि देश के उच्च न्यायालयों में जजों के 500 पद खाली होने और नए जजों की नियुक्ति के लिए सरकार के दखल को लेकर बयान दिया था, जिसे कनून मंत्री रविशंकर प्रसाद से सिरे से खारिज कर दिया था।
प्रसाद के बयान के बाद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, 'न्यायपालिक समेत सभी लोगों के लिए लक्ष्मण रेखा है और उन्हें आत्मावलोकन के लिए तैयार रहना चाहिए।'
रोहतगी के बयान पर जवाब देते हुए जस्टिस जे एस खेहर ने कहा, 'न्यायपालिका ने हमेशा संविधान का ख्याल रखते हुए लक्ष्मण रेखा का पालन किया है।'
#Judiciary has always kept to 'lakshmanrekha' by upholding #Constitution: Justice J S Khehar's response to AG.
— Press Trust of India (@PTI_News) November 26, 2016
ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल को संबोधित करते हुए जस्टिस ठाकुर ने कहा, 'हाई कोर्ट्स में जजों के 500 पद रिक्त पड़े हैं। उन्हें आज काम करना चाहिए, लेकिन वे नहीं हैं। फिलहाल देश के तमाम कोर्ट रूम खाली पड़े हैं, लेकिन जज उपलब्ध नहीं हैं। बड़ी संख्या प्रस्ताव लंबित हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस संकट को समाप्त करने के लिए प्रयास करेगी।'
सीजेआई की इस राय से असहमति जताते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने इस साल 120 नियुक्तियां की हैं, जो 1990 के बाद से दूसरी सबसे अधिक संख्या है। 2013 में 121 जजों की नियुक्ति की गई थी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैं सम्मानपूर्वक मुख्य न्यायाधीश की राय से असहमति जताता हूं। इस साल हमने 120 अपॉइंटमेंट्स किए हैं। 1990 के बाद से यह औसत 80 का था। जजों की 5000 रिक्तियां निचली अदालतों में हैं, जिनमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। इनमें नियुक्ति का काम न्यायपालिका को ही करना है।'
HIGHLIGHTS
- चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के बयान के बाद सरकार और न्यायपालिका में छिड़ी जुबानी जंग
- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आपातकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हमें निराश किया