पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि अर्थव्यवस्था ने नवीनतम तिमाही में 6.3 फीसदी का विकास दर दर्ज किया है, लेकिन अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह विकास दर में वृद्धि का सूचक है।
पी. चिदंबरम ने कहा कि इसके लिए अभी तीन-चार तिमाहियों का इंतजार करना चाहिए।
चिदंबरम ने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'मैं खुश हूं कि जुलाई-सितंबर की तिमाही में 6.3 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई है। यह पिछली पांच तिमाहियों की गिरावट की प्रवृत्ति पर विराम है।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि क्या यह विकास दर में तेजी के रुख को दिखाता है। हमें अभी इस पर किसी तरह का निष्कर्ष निकालने से पहले तीन-चार तिमाहियों के आंकड़ों का इंतजार करना चाहिए।'
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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि 6.3 फीसदी मोदी सरकार द्वारा किए गए वादों से काफी कम है, और यह अच्छी तरह से प्रबंधित भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता से भी कहीं कम है।
इससे पहले पी. चिदंबरम ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत अधिकतम 18 फीसदी कर रखने की पार्टी की मांग का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जवाबी हमला बोला।
पी. चिदंबरम ने कहा कि जिसे वे (पीएम मोदी) 'सबसे बेवकूफी भरा विचार' कहते हैं, तो क्या वह मुख्य आर्थिक सलाहकार को भी यही तर्क देने के कारण बेवकूफ समझते हैं।
दरअसल मोदी ने गुजरात के मोरबी में एक रैली में कुछ बुद्धिजीवियों और अर्थशास्त्रियों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि वे देश को गुमराह कर रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau