राज्‍यसभा में किया हंगामा तो छिन सकता है सांसदों का किसी विधेयक पर वोटिंग का अधिकार

अब राज्‍यसभा (Rajya Sabha) में हंगामा करना सांसदों को भारी पड़ सकता है. उनसे किसी विधेयक पर वोटिंग का अधिकार छीना जा सकता है. राज्‍यसभा की जेपीसी ने उच्‍च सदन में हंगामा करने वाले सदस्‍यों पर कार्रवाई को लेकर कई सख्‍त सिफारिशें की हैं.

अब राज्‍यसभा (Rajya Sabha) में हंगामा करना सांसदों को भारी पड़ सकता है. उनसे किसी विधेयक पर वोटिंग का अधिकार छीना जा सकता है. राज्‍यसभा की जेपीसी ने उच्‍च सदन में हंगामा करने वाले सदस्‍यों पर कार्रवाई को लेकर कई सख्‍त सिफारिशें की हैं.

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Kuldeep Singh
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राज्‍यसभा में किया हंगामा तो छिन सकता है सांसदों का किसी विधेयक पर वोटिंग का अधिकार

राज्‍यसभा में किया हंगामा तो छिनेगा सांसदों का वोटिंग अधिकार( Photo Credit : फाइल फोटो)

राज्‍यसभा (Rajya Sabha) की कार्यवाही में रुकावट बड़ी समस्‍या है. वहीं, संख्‍याबल के मामले में लोकसभा (Lok Sabha) से राज्‍यसभा में ज्‍यादा मजबूत विपक्ष आए दिन हंगामा करता नजर आता है. आने वाले दिनों में राज्‍यसभा (Rajya Sabha) सदस्‍यों को सदन में हंगामा करना भारी पड़ सकता है. हाल ही में राज्यसभा की जनरल परपज कमेटी (JPC) ने उच्च सदन से जुड़े नियमों में प्रस्तावित संशोधनों की सिफारिशों की समीक्षा कर बदलाव पर विचार किया.

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राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaih Naidu) की अध्यक्षता में बुधवार को जेपीसी की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में 77 नियमों में संशोधन करने और 124 नए नियम बनाने से जुड़ी सिफारिशों पर चर्चा हुई. इस बैठक में 23 दलों ने हिस्सा लिया. जानकारी के मुताबिक उपराष्ट्रपति ने मई, 2018 में राज्यसभा के पूर्व महासचिव वीके अग्निहोत्री की अध्‍यक्षता में दो सदस्यीय समीक्षा समिति गठित की थी. समिति में कानून मंत्रालय (Law Ministry) के पूर्व अतिरिक्‍त सचिव दिनेश भारद्वाज भी थे.

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303 में से 77 में संशोधन, 124 नए नियम
जानकारी के मुताबिक कमेटी ने ऐसी सिफारिशें की हैं, जिनके लागू होने के बाद उच्‍च सदन में हंगामा करने वाले सदस्‍यों से किसी भी विधेयक पर वोटिंग का अधिकार छीना जा सकता है. जेपीसी ने कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलाने के लिए राज्यसभा सचिवालय को सौंपी सिफारिशों में उच्‍च सदन की प्रक्रिया से जुड़े 303 नियमों में से 77 में संशोधन और 124 नए नियम बनाने का सुझाव दिया है. बैठक में इस पर सभी दलों ने सहमति जता दी है.

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निलंबन की भी हो सकती है कार्रवाई
जेपीसी ने जो सिफारिश पेश की हैं उनके मुताबिक लोकसभा की तरह वेल (Well) में आकर हंगामा करने वाले राज्‍यसभा सदस्‍यों को भी सदन की कार्यवाही से निलंबित किया जा सकता है. यह भी सिफारिश की गई कि ऐसे सदस्यों को पांच दिन तक सदन की कार्यवाही से बाहर किया जा सकता है. इसके अलावा नए नियमों में हंगामा करने वाले राज्‍यसभा सदस्‍य से किसी विधेयक पर वोटिंग का अधिकार (Voting Rights) छीनने और उसे अनुपस्थित की श्रेणी में रखा जा सकता है.

Source : News Nation Bureau

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