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विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर पर बीजेपी सरकार को दिया 2022 तक का समय

सरकार को 2022 तक का समय देने पर परमानंद गिरि का कहना है कि हम तो साधु है सब कुछ देना ही जानते है अगर कोर्ट राम मंदिर पक्ष में फैसला नहीं सुनाती है तो संसद स्वतंत्र है

Updated on: 20 Jun 2019, 09:17 PM

highlights

  • विश्वहिंदू परिषद की बैठक में सरकार को चेतावनी
  • राम मंदिर पर बीजेपी सरकार को दिया 2022 तक का समय
  • बैठक में कई महत्वपूर्ण बातों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली:

गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक का दूसरा सत्र संपन्न हुआ इस सत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और साधु-संतों ने राम मंदिर को लेकर प्रस्ताव पास किया और साधु संतों ने सरकार को 2022 तक का वक्त दिया है कि राम मंदिर का निर्माण कराया जाए वही बैठक की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ महामंडलेश्वर परमानंद गिरी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा अगर कोर्ट भी हमारे हक में फैसला नहीं देती है तो सरकार अध्यादेश लाएगी. वही साध्वी ऋतंभरा का कहना है कि अब जल्दी ही राम मंदिर बनने की तिथि निश्चित होगी और कोर्ट को भी हिंदू भावनाओं की इज्जत करनी चाहिए बैठक में पहुंचे उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है अब जनता भी चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण हो अगर कोर्ट से राम मंदिर निर्माण का कोई हल नही निकलता तो सरकार को कानून बनाना चाहिए.

बैठक का दूसरा सत्र सिर्फ राम मंदिर निर्माण के लिए रखा गया था और इसमें सभी साधु संत और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने राम मंदिर निर्माण को लेकर एक स्वर में कहा गया कि अब जल्द ही राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए बैठक की अध्यक्षता कर रहे परमानंद गिरि का कहना है कि जब हम लोग अयोध्या जाते थे तो वहां ड्यूटी में तैनात पुलिस वाले भी हमको कहते थे इस तरह घूम कर चले जाते हो कुछ कर के जाओ तब हमने बाबरी ढांचा गिरा दिया हमको यकीन है कि इस बार की पंचवर्षीय योजना में मंदिर बनता हुआ हम अपनी आंखों से देखेंगे.

सरकार को 2022 तक का समय देने पर परमानंद गिरि का कहना है कि हम तो साधु है सब कुछ देना ही जानते है अगर कोर्ट राम मंदिर पक्ष में फैसला नहीं सुनाती है तो संसद स्वतंत्र है अध्यादेश लाने के लिए अगर अभी लाते हैं तो कोर्ट इस पर रोक लगा देगा अगर हमारे खिलाफ भी फैसला आया तो भी हमारे दोनों हाथ में ही लड्डू है खिलाफ फैसला आया तो अध्यादेश आएगा और पक्ष में फैसला आया तो फिर कहना ही क्या हमें मालूम है कोर्ट का फैसला अगर खिलाफ आया तो सरकार अध्यादेश लाएगी ही क्योंकि सरकार से हमारी मिलीभगत है अभी कुछ समय लगेगा राम मंदिर निर्माण के लिए इसलिए हमने सरकार को समय दिया है.

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बैठक में पहुंचे साध्वी ऋतंभरा का कहना है कि राम मंदिर निर्माण में जितने भी बाधाएं आ रही है उनको दूर करने के लिए बैठक की जा रही है हम सब लोग आशा से भरे हुए हैं अब जल्दी ही राम मंदिर के निर्माण की तिथि निश्चित होगी राम मंदिर निर्माण को लेकर जितने भी प्रयत्न चल रहे हैं हमें सबसे ही आशा है चाहे कोर्ट हो या मध्यस्था कमेटी हम सबका एक ही मत है कोट हिंदुओं की भावनाओं की इज्जत करें जो इस देश के पूर्वज है और हमारे आराध्य हैं उनकी जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो अब अगली जब बैठक होगी तब हम मंदिर निर्माण की तिथि तय करें

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उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज भी इस बैठक में पहुंचे उनका कहना है कि विश्व हिंदू परिषद का पूरा मार्गदर्शक मंडल आया हुआ है शंकराचार्य मंडलेश्वर और बड़ी संख्या में संत समाज यहां उपस्थित है और सभी की यही चिंता है कि राम मंदिर जल्दी बनना चाहिए अभी चुनाव में जो बीजेपी ने भारी बहुमत से चुनाव जीता है यह भी जनमत था जनता भी चाहती है कि राम मंदिर का निर्माण हो अब हम यही चाहते हैं कि कोर्ट जल्द इस मामले में अपना फैसला सुनाए लोकसभा चुनाव में राम मंदिर बड़ा मुद्दा बना था और बीजेपी प्रचंड बहुमत से जीत कर आई है निश्चित रूप से कोट को संज्ञान लेकर निर्णय लेना चाहिए संत समाज द्वारा सरकार से अध्यादेश लाने पर सतपाल महाराज का कहना है कि इसके लिए विचार विमर्श किया जाएगा संतों का और जो समाज का निर्णय होगा उसी पर हम चलेगे यह देश का एक निर्णय हुआ है राम मंदिर का निर्माण चाहिए और इसके लिए कानून बनना भी चाहिए अगर कोर्ट इस पर कोई निर्णय लेता है तो अध्यादेश के लिए विचार किया जाएगा

दो दिवसीय चली विश्व हिंदू पारिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक में कई और महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई उद्घाटन साथ में धारा 370 समान नागरिक संहिता सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई थी मगर इस बैठक में राम मंदिर का मुद्दा ही छाया रहा अब देखना होगा इस बैठक में संतों द्वारा दिया गया 2022 तक के समय में क्या राम मंदिर का निर्माण हो पाएगा यह देखने वाली बात होगी.