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'कश्मीर पर पाकिस्तान 'भौंकता' रहे, लेकिन दुनिया नहीं देगी भाव, उसका खेल खत्म हो चुका है'

यूएनएचआरसी का 42वां सत्र सोमवार को शुरू हुआ और यह 27 सितंबर को समाप्त होगा. इस सत्र में 19 सितंबर से पहले पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव जारी करने की उम्मीद है और भारत इसका जवाब देने के लिए तैयार है.

Updated on: 10 Sep 2019, 06:06 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान जहां संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में जम्मू एवं कश्मीर में मानवाधिकार का मामला उठाने की कोशिश करेगा, वह गिलगित-बलटिस्तान में बड़े पैमाने पर उसकी सेना द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन का बड़े ही आसानी के अनदेखी कर रहा है जोकि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर का हिस्सा है. इसके साथ ही बलूचिस्तान में भी मानवधिकार का हनन किया जा रहा है.

यूएनएचआरसी का 42वां सत्र सोमवार को शुरू हुआ और यह 27 सितंबर को समाप्त होगा. इस सत्र में 19 सितंबर से पहले पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव जारी करने की उम्मीद है और भारत इसका जवाब देने के लिए तैयार है.

वहीं, पाकिस्तान में अपनी सेवाएं दे चुकें भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी विष्णु प्रकाश ने कहा, 'पाकिस्तान एक हताश राष्ट्र है और उसका खेल खत्म हो चुका है.'

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उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान अपने सीमा के अंदर अल्पसंख्यकों पर मानवधिकार हनन के मामलों की अनदेखी कर रहा है. यहां तक कि वह गिलगित-बलटिस्तान में मानवाधिकारों का हनन कर रहा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाला क्षेत्र है.'

उन्होंने इसके साथ ही बलूचिस्तान में बलूच लोगों के साथ किए जा रहे अत्याचार का भी संदर्भ दिया.

पाकिस्तान भारत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद इस मामले को हर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने की कोशिश कर रहा है. उसने बीते महीने अपने दोस्त चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह मामला उठाने की कोशिश की, लेकिन विश्व निकाय से इस मामले में किसी भी औपचारिक बयान को दिलवाने में विफल रहा.

अब पाकिस्तान को लगता है कि यूएनएचआरसी इस मामले को उठाने के लिए बेहतरीन मंच है, जबकि भारत इसे अपना आंतरिक मामला बताता है.

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यूएनएचआरसी में संयुक्त राष्ट्र के 47 देश शामिल हैं. इन देशों को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुना गया है.

प्रकाश ने कहा कि पाकिस्तान 1989 से जम्मू एवं कश्मीर में आतंक का निर्यात कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उनके कश्मीर में कथित मानवधिकार उल्लंघन के शोर पर ध्यान नहीं देगा. भारत का आजादी के बाद अल्पसंख्यकों के मामले से जुड़े क्षेत्रों को संभालने का मजबूत रिकार्ड रहा है.

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भारत यूएनएचआरसी में इस तथ्य पर जोर देगा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में एक भी जान नहीं गई है, खासकर के सशस्त्र बलों द्वारा कोई भी मारा नहीं गया है.

कनाडा में भारतीय राजदूत के रूप में सेवानिवृत्त होने वाले प्रकाश ने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि भारत यूएनएचआरसी में पाकिस्तान को करारा जवाब देगा.