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भारत में फंसे विदेशी नागरिकों के वीजा 31 अगस्त तक वैध : गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश में फंसे विदेशी नागरिकों का भारतीय वीजा या ठहरने की अवधि 31 अगस्त तक वैध होगी.

Updated on: 04 Jun 2021, 09:58 PM

highlights

  • कोविड-19 महामारी के कारण MHA ने लिया बड़ा फैसला
  • विदेशी नागरिक अपने वीजा की अवधि को बढ़ाने को हर माह आवेदन करते रहे

नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश में फंसे विदेशी नागरिकों का भारतीय वीजा या ठहरने की अवधि 31 अगस्त तक वैध होगी. तदनुसार, इन विदेशी नागरिकों को अपने वीजा के विस्तार के लिए संबंधित एफआरआरओ/एफआरओ में कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी. एमएचए ने कहा कि मार्च 2020 से महामारी के कारण सामान्य वाणिज्यिक उड़ान संचालन के काम न करने के कारण, कई विदेशी नागरिक, जो वैध भारतीय वीजा पर मार्च 2020 से पहले भारत आए थे, भारत में फंस गए हैं.

इन विदेशी नागरिकों को लॉकडाउन के कारण भारत में अपना वीजा बढ़ाने में आ रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 जून 2020 को एक आदेश जारी कर यह सूचित किया था कि इन विदेशी नागरिकों के 30 जून, 2020 के बाद समाप्त होने वाले भारतीय वीजा या देश में ठहरने की अवधि को सामान्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के फिर से शुरू होने की तारीख से लेकर अगले 30 और दिनों तक नि:शुल्क आधार पर वैध माना जाएगा.

हालांकि, ये विदेशी नागरिक अपने वीजा या देश में ठहरने की अवधि को बढ़ाने के लिए हर माह आवेदन करते रहे हैं. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, सामान्य वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन फिर से शुरू न हो पाने को ध्यान में रखते हुए इस मामले पर अब एमएचए द्वारा पुनर्विचार किया गया है और तदनुसार यह निर्णय लिया गया है कि भारत में फंसे इन विदेशी नागरिकों के भारतीय वीजा या देश में ठहरने की अवधि को अब 31 अगस्त 2021 तक बिना किसी ओवरस्टे पेनल्टी (निर्धारित अवधि से अधिक समय तक देश में ठहरने या रुकने पर जुमार्ना) के ही नि:शुल्क आधार पर वैध माना जाएगा.

इन विदेशी नागरिकों को अपने वीजा के विस्तार के लिए संबंधित एफआरआरओ/एफआरओ में कोई आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी. साथ ही ये विदेशी नागरिक देश से बाहर जाने से पहले संबंधित एफआरआरओ/एफआरओ में देश से बाहर जाने की अनुमति पाने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो बिना किसी ओवरस्टे पेनाल्टी के ही नि:शुल्क आधार पर प्रदान की जाएगी.